मर्दों को भी होता है दर्द, पुरुष आयोग बने, जारी हो हेल्पलाइन नंबर...अतुल सुभाष केस में क्या कहते हैं एक्सपर्ट
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मर्दों को भी होता है दर्द, पुरुष आयोग बने, जारी हो हेल्पलाइन नंबर...अतुल सुभाष केस में क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Atul Subhash Story: अतुल सुभाष के द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद से ही पुरुषों के लिए गुहार लगाने, दहेज उत्पीड़न का गलत इस्तेमाल करना, पुरुष आयोग का गठन करना जैसी बातों की चर्चा शुरू हो गई है लेकिन सवाल ये है कि पुरुषों का सुनेगा कौन?

Atul Subhash Suicide Case

Atul Subhash Suicide Case: बेंगलुरु में एक निजी कंपनी के ड‍िप्‍टी जनरल मैनेजर 34 साल के अतुल सुभाष 24 पन्नों का सुसाइड नोट सामने आने के बाद अपनी जान दे दी जिसके बाद तहलका मच गया. नोट में लिखी बातें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं. अतुल ने अपने नोट में ल‍िखा है कि ''मरने के बाद तब तक मेरी अस्थियों को मत विसर्जित करना जब तक की इंसाफ न मिल जाए.''

अतुल सुभाष (Atul Subhash) ब‍िहार के समस्तीपुर के थे. अतुल के भाई बिकास ने उसकी पत्नी, सास से लेकर साले, पत्नी के चाचा के खिलाफ केस दर्ज करवाया है और आरोप लगाया कि अतुल के खिलाफ इन सभी ने फर्जी शिकायत दर्ज करावाई थी और निपटारे के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे. इस मामले को लेकर अतुल सुभाष के अधिवक्ता दिनेश मिश्रा ने इस बारे में जानकारी दी है कि पति-पत्नी का विवाद फैमिली कोर्ट में चला था. कोर्ट ने बेटे के भरण पोषण के लिए प्रति माह 40 हजार रुपये देने का आदेश अतुल को दिया था. पत्नी खुद एक कंपनी में जॉब करती है ऐसे में उसे गुजारा भत्ता नहीं देने का आदेश हुआ. जानकारी के मुताबिक अतुल को लगा कि उसके खिलाफ नाइंसाफी हुई है और उसे हाईकोर्ट में जाना चाहिए था लेकिन उसने आत्महत्या कर लिया.

जानीमानी फैमिली काउंसलर बरखा त्रेहन से बातचीत
अतुल सुभाष द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद एक बार फिर से पुरुषों के लिए गुहार लगाने, दहेज उत्पीड़न का गलत इस्तेमाल करना, पुरुष आयोग का गठन करना जैसी बातों की चर्चा होने लगी है. इस मामले को लेकर जानीमानी फैमिली काउंसलर बरखा त्रेहन से जी मीडिया ने कुछ सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की. पुरुष उत्पीड़न से लेकर पुरुष आयोग के गठन और कानूनों के गलत इस्तेमाल को लेकर बरखा त्रेहन क्या कहती हैं, आइए जानें. 

सवाल- अतुल सुभाष आत्महत्या मामले पर बरखा त्रेहन ने अपनी भावनाएं व्यक्त कर क्या कहा? 
जवाब-बरखा त्रेहन ने कहा कि अतुल सुभाष टूट गया. मेरी आंखों में आंसू थे जब मैं उसका वीडियो देख रही थी. बरखा त्रेहन ने कहा कि अतुल सुभाष ने बहुत स्पष्ट रूप से बताया कि बच्चे को वैल्यू नहीं मिलेगी, उस लड़की के अंदर कोई वैल्यू नहीं है. अतुल बहुत पीड़ा में थे, लेकिन वो जाएं तो जाएं कहां. न कोई हेल्प लाइन नंबर है, न कोई सरकार सुन रही है. आज इतना बड़ा हादसा हो गया, इस बारे में जन-जन में बात की जा रही है लेकिन किसी भी पार्टी के पॉलिटिशियन ने न तो ट्वीट किया, न तो दुख जाहिर किया. इसका कारण है रैट रेस ऑफ वुमेन अपीजमेंट, यानी हमेशा वुमेन अपीजमेंट की भाग दौड़ में इतना लगे रहना कि उन्हें मांएं भी नहीं दिखती हैं. लड़के की मां बिलख बिलखकर रो रही है. 

सवाल- दहेज उत्पीड़न कानून को लेकर बरखा त्रेहन की क्या राय है? 
जवाब- दहेज उत्पीड़न कानून को लेकर बरखा त्रेहन कहती हैं कि इस कानून का इतना वेपनाइजेशन हो गया है कि यह सिर्फ पुरुषों की आहुति लेने के लिए बन गया. पुरुषों का वृहद स्तर पर उत्पीड़न हो रहा है लेकिन सुनवाई कहीं नहीं है.

सवाल- दहेज उत्पीड़न कानून में बदलाव और मिस यूज क्लॉज को लेकर बरखा त्रेहन ने क्या कहा?
जवाब- बरखा त्रेहन ने कहा कि दहेज उत्पीड़न कानून में बदलाव की जरूरत है. डोमेस्टिक वायलेंस को जैसे कई कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाने की जरूरत है. बरखा त्रेहन कहती हैं कि उन्होंने खुद भी कई बार रेकमेंड किया है कि मिस यूज क्लॉज होना चाहिए

पुरुष आयोग के गठन को लेकर बरखा त्रेहन ने क्या कहा? 
बरखा त्रेहन का मानना है कि पुरुष आयोग का गठन 10 साल पहले ही हो जाना चाहिए था, इसके लिए पहले ही बहुत देरी हो चुकी है. बरखा त्रेहन के मुताबिक यह सरकार का काम है, इसके लिए सरकार से लेकर सभी बुद्धिजीवियों को जगाना होगा.

आइए जानें इस मामले को लेकर बार कॉउन्सिल के चैयरमैन और राज्यसभा सदस्य मनन कुमार मिश्रा  ने क्या कहा- 
बेंगलुरू में इंजीनियर के सुसाइड और दहेज विरोधी कानून के दुरुपयोग से जुड़े मसले पर बार कॉउन्सिल के चैयरमैन और राज्यसभा सदस्य मनन कुमार मिश्रा ने जी मीडिया से बातचीत में कई बातें साझा की हैं.
मनन कुमार मिश्रा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट खुद इस कानून के दुरुपयोग को लेकर सजग है. इस बारे में कई बार टिप्पणी भी कर चुका है. ऐसे केस में पति के रिश्तेदारों को जमानत देने के संबंध में कोर्ट का रुख उदार रहा है. 
मनन कुमार मिश्रा ने इस बारे में कहा है कि मैं संसद में इस बात को रखूंगा. संसद को पहल करने की आवश्यकता है.
मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि सबसे बढ़िया तरीका मध्यस्थता है. शुरुआती जांच के बाद FIR दर्ज की जानी चाहिए. केवल शिकायत के आधार पर तुरंत FIR न हो. 
मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि अतुल सुभाष ने फैमिली कोर्ट की जज पर जो आरोप लगाए हैं वो बेहद संजीदा हैं. इस बारे में हाई कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए. अगर जज की करप्ट प्रैक्टिश में कोई भूमिका नजर आने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. 

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