Coronavirus case Updates in UP: कोरोना के मामले एक बार फिर जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए आपको जरा सतर्क रहने की जरुरत है. भीड़ वाले इलाके में मास्क पहनना न भूलें.
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक बार फिर कोरोना सिर उठाने लगा है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले 24 घंटे में 1052 सैंपल की जांच की गई. इनमें 8 मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. योगी ने सोमवार को टीम-09 की मीटिंग में प्रदेश में कोविड-19 और इन्फ्लुएंजा की स्थिति की समीक्षा की थी. उन्होंने कहा कि पिछले सात दिनों में लगभग दो लाख 20 हजार टेस्ट किए गए और 265 कोविड पॉजिटिव मरीज पाए गए. राज्य में प्रति 10 लाख की आबादी पर 01 कोविड पॉजिटिव मरीज है. देश में पिछले 24 घंटे में 1573 कोरोना केस सामने आए हैं. इस समय देश में 10981 एक्टिव कोविड केस हैं.
मौजूदा समय में 262 एक्टिव केस हैं. सभी घर पर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं. मौजूदा समय में देश में किए जा रहे कुल कोविड टेस्ट का 35-40 प्रतिशत टेस्ट उत्तर प्रदेश में हो रहा है. सतर्कता के नजरिए इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है.
एनसीआर में सबसे अधिक मरीज
उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में सबसे अधिक कोविड केस मिले हैं. यहां खास एहतियात की जरुरत है. लखीमपुर के एक स्कूल में पॉजिटिव पाई गई सभी लोगों की हालत ठीक है. सभी को क्वारेन्टीन किया गया है. इनकी सेहत की सतत निगरानी की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कोविड टीकाकवर से सुरक्षित है. सर्वाधिक टीकाकरण उत्तर प्रदेश में हुआ है. ऐसे में किसी बड़े खतरे की आशंका कम है. आगामी दिनों के मंदिरों व अन्य धर्मस्थलों में लोगों का आवागमन बढ़ेगा. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है. ऐसे में गंभीर रोग से ग्रस्त, वृद्धजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आवागमन से यथासंभव बचने का प्रयास करें. भीड़ में जाते समय मास्क लगाकर ही जाएं. इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए. पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए.
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सीएम ने देश में बढ़ते केस को देखते हुए तत्काल सभी 75 जिलों में कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल चिन्हित किए जाएं. पिछले साल स्थापित सभी ऑक्सीजन प्लांट एक्टिव कर दिए गए हैं. अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराए गए वेंटिलेटर एक्टिव हों. पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती हो. जहां वेंटिलेटर हो वहां एनेस्थेटिक की तैनाती जरूर की जाए. कोविड के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीजों की निगरानी की जाए. आगामी 11-12 अप्रैल को पूरे प्रदेश में अस्पतालों में मॉक ड्रिल करते हुए अपनी तैयारियों की परख की जाए.
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