Mahoba Mahotsav: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश के डेढ़ दशक से बंद पड़े महोबा महोत्सव का आगाज हो गया है. महोबा जिले के 28 वें स्थापना दिवस पर आज महोबा महोत्सव का बीजेपी सांसद पुष्पेंद्र चंदेल ने फीता काटकर शुभारंभ किया.
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राजेन्द्र तिवारी/महोबा: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश के डेढ़ दशक से बंद पड़े महोबा महोत्सव का आगाज हो गया है. महोबा जिले के 28 वें स्थापना दिवस पर आज महोबा महोत्सव का बीजेपी सांसद पुष्पेंद्र चंदेल ,विधायक और एमएलसी ने फीता काटकर शुभारंभ किया. यह महोत्सव 11 फरवरी से 17 फरवरी तक चलेगा, जिसमे सांस्कृतिक कार्यक्रमो के अलावा लोकल कलाकारों को अपनी प्रतिभा निखारने के सुनहरा अवसर दिया जाएगा.
कब हुआ था महोबा का गठन?
महोबा जनपद के गठन 11 फरवरी 1995 को हुआ था और जनपद के स्थापना दिवस पर महोत्सव मनाया जाता रहा है. लेकिन बीते डेढ़ दशक से महोत्सव नही मनाया गया जिसे अब जिलाधिकारी मनोज कुमार के प्रयास से शुरू किया गया है. महोबा महोत्सव का शुभारंभ महोबा-हमीरपुर सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल द्वारा किया गया. महोत्सव में आल्हा गायन और सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया गया. इस महोत्सव से स्थानीय कलाकारों ओर स्कूली छात्र छात्राओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया जा रहा है. ताकि उन्हें सही मंच मिल सके.
जनपद का हो रहा विकास
सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने कहा कि जनपद की मांग की लड़ाई महोबा के लोगों ने बड़ी मेहनत और बहादुरी से लड़ी है, जिसमें 'आधी रोटी खाएंगे महोबा जिला बनाएंगे' जैसे नारों के साथ राज्य और केंद्र सरकार को पोस्टकार्ड भेजकर अपनी मांग सुनाते थे. उनकी कड़ी मेहनत और परिश्रम से 11 फरवरी 1995 को जनपद का तोहफा महोबा को मिला.