हर माह पहली तारीख को रसोई गैस सिलेंडर की कीमत तय होती है. पिछले कुछ महीनों में गैस की कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, ऐसे में मार्च 2022 में गैस के दाम में बदलाव होने की संभावना है. जानें और कौन-कौन से बदलाव होने वाले है, जो आपकी रोजमर्रा के जीवन पर असर डालेंगे.
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नई दिल्लीः हर माह की 1 तारीख को कई तरह के बदलाव होते हैं. जिसमें बैकिंग सेवाएं, रसोई गैस आदि में होने वाले बदलाव शामिल हैं. आम आदमी की रसोई पर एलपीजी गैस के दाम का सीधा असर होता है, इसलिए लोगों की नजर इस पर सबसे ज्यादा रहती है. ऐसे में ये खबर आपके लिए काम की हो सकती है. इस बार रसोई गैस की कीमतों में बदलाव होने की संभावना है. इसके अलावा मार्च 2022 में और भी कुछ परिवर्तन होने वाले हैं, जो सीधे आम आदमी को प्रभावित करेंगे. पढ़ें पूरी खबर
गैस के दाम में हो सकता है इजाफा
हर माह पहली तारीख को रसोई गैस सिलेंडर की कीमत तय होती है. पिछले कुछ महीनों में गैस की कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, ऐसे में मार्च 2022 में गैस के दाम में बदलाव होने की संभावना है. कच्चे तेल के दाम में इजाफा होने के बाद भी अक्टूबर से घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम टस से मस नहीं हुए हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि मार्च में एलपीजी सिलेंडर के दाम 100 से 200 रुपये तक बढ़ सकते हैं. अब गैस सिलेंडर के दाम कम होंगे, स्थिर रहेंगे या फिर इसकी कीमत बढ़ेगी यह देखना दिलचस्प होगा.
आईपीपीबी डिजिटल सेविंग अकाउंट बंद करने पर लेगा चार्ज
अगर आपका इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में डिजिटल सेविंग अकाउंट है और आप इसे बंद कराना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको क्लोजर चार्ज देना होगा. बता दें, आईपीपीबी ने अपने डिजिटल सेविंग्स अकाउंट के लिए क्लोजर चार्ज लेना शुरू कर दिया है. बैंक द्वारा यह नया नियम 5 मार्च 2022 से लागू कर दिया जाएगा. जिनका खाता इस बैंक में है, उन्हें अपने बचत खाते के लिए 150 रुपये चार्ज और जीएसटी अलग से देना होगा.
हालांकि, यह चार्ज तभी लगेगा जब केवाईसी अपडेट नहीं होने के चलते डिजिटल सेविंग अकाउंट ओपन होने के साल भर बाद बंद हो जाए. इसके अलावा अगर आपका खाता बंद होता है या बंद कराते हैं, तो उस पर कोई चार्ज नहीं लगेगा. बैंक ने कहा है कि इस शुल्क से बचने के लिए और बैंकिंग सुविधाएं लेने के लिए खाता खुलने के 1 साल के अंदर डिजिटल सेविंग अकाउंट को रेगुलर सेविंग अकाउंट में अपग्रेड कराएं.
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बैंकों को अपनाना होगा एटीएम में कैश भरने का यह नियम
बैंकों के एटीएम में कैश भरने के लिए मार्च में नियम बदलने वाला है. गौरतलब है, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को एटीएम में कैश भरने के लिए लॉकेबल कैसेट के इस्तेमाल को लागू करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर मार्च 2022 कर दी थी. वर्तमान में, अधिकांश एटीएम में नकद राशि को ओपन कैश टॉप-अप या स्पॉट पर ही मशीन में कैश डालने के जरिए भरा जाता है.
आरबीआई एटीएम में नकद डालने के मौजूदा सिस्टम को खत्म करना चाहता है. इसके लिए बैंकों को निर्देश दिया है कि एटीएम में कैश भरने के लिए केवल लॉकेबल कैसेट का ही इस्तेमाल सुनिश्चित करें. बता दें कि लॉकेबल कैसेट में पैसा पहले से भरा होता है, इन्हें केवल एटीएम में बदलना होता है.
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आरबीआई ने किया डिजिटल पेमेंट में बड़ा बदलाव
देश में यूपीआई पेमेंट्स का चलन पिछले 2 सालों से तेजी से बढ़ा है. जब से पीएम नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया मिशन शुरू किया, तब से यह ज्यादा बढ़ा है. आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट में बड़े बदलाव करने के लिए तैयार है. जिसके तहत अब प्रोप्राइटरी क्यूआर कोड का इस्तेमाल करने वाले एक या अधिक इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड की ओर स्थानांतरित होंगे. यह प्रक्रिया 31 मार्च 2022 तक पूरी होनी जरूरी है.
रिजर्व बैंक के मुताबिक, कोई भी पीएसओ द्वारा कोई नया मालिकाना क्यूआर कोड लॉन्च नहीं किया जाएगा यानी कि किसी भी तरह के भुगतान या लेनदेन के लिए नया प्रोप्राइटरी कोड शुरू नहीं करेगा. इस कदम से अब कस्टमर यूपीआई पेमेंट का सपोर्ट करने वाले किसी भी ऐप से किसी भी प्लेटफॉर्म पर पेमेंट कर सकते हैं.
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