सीतापुर के रहने वाले मेराज अहमद ने बकरीद कुछ तरह मनाई की, जिसने भी सुना उनका मुरीद हो गया. उन्होंने बकरे की कुर्बानी देने की जगह एक नायाब तरीका अपनाया है. इस मौके पर उन्होंने लोगों को जो संदेश दिया, वह आपको भी उनका मुरीद बना देगा.
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राजकुमार दीक्षित/सीतापुर: प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 10 जुलाई को बकरीद त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान बकरीद के अलग-अलग रंग भी देखने को मिले. अधिकांश मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बकरे की बलि देकर बकरीद मनाई. वहीं मेराज अहमद ने बकरीद के इस त्यौहार पर मानवता की ऐसी मिसाल पेश की, जिसके बाद लोग उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं. दरअसल, उन्होंने बकरीद के इस त्यौहार पर बेजुबान बकरे की कुर्बानी ना देकर केक काटकर बकरीद का त्यौहार मनाया. इस दौरान मेराज अहमद ही नहीं उनका पूरा परिवार इस अनोखे बकरीद की खुशियों में शामिल हुआ. पहले तो मेराज अहमद ने केक पर प्रतीकात्मक बकरे का चित्र बनवाया. उसके बाद केक को काट कर कुर्बानी दी.
पशुओं की सेवा के लिए मशहूर हैं मेराज
मेराज अहमद पशु सेवा समिति के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने बकरीद पर लोगों से अपील की कि वह लोग बेजुबान जानवरों की कुर्बानी कभी न दें. मेराज अहमद का कहना है कि अल्लाह ने सबको अनमोल जीवन अता फ़रमाया है. किसी का जीवन खत्म करने का हक अल्लाह ताला ने किसी मनुष्य को नहीं दिया है. उन्होंने इस मौके पर लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस्लाम में कुर्बानी का मतलब हर दिन के त्याग से है. जो लोग बीमार हैं उनके उपचार के लिए हमें आगे आना चाहिए. गरीब बेटियों के विवाह के लिए हम एकजुट हों. इसी तरह रक्तदान कर हम लोगों को नई जिंदगी दे सकते हैं. यह भी कुर्बानी है.
समाज को संदेश देने की कोशिश
इससे पहले भी देश के कई हिस्सों से बकरीद के इकोफ्रेंडली तरीके सामने आते रहे हैं. उत्तर प्रदेश में बकरीद के मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये थे. बकरीद से ठीक पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की समीक्षा भी की थी.
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