एक सफल डॉक्टर बनने के लिए कई त्याग और कड़ा परिश्रम करना पड़ता है. साल 1991 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाने की शुरुआत की थी. भारत के महान चिकित्सक को याद करते हुए और डॉक्टर्स के लिए कृतज्ञता दिखाते हुए ही इस स्पेशल डे को सेलिब्रेट किया जाता है.
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National Doctors Day 2022: ईश्वर धरती पर आकर खुद सबके जीवन की रक्षा नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने अपने रूप में डॉक्टर को भेज दिया. डॉक्टर्स हमारे यूनिवर्स के सच्चे हीरो माने जाते हैं. हमारे देश में तो डॉक्टर को ईश्वर का स्थान दिया गया है. लोगों को जीवनदान देने वाले डॉक्टर्स को धरती पर पूजा जाता है. उन्हीं के प्रति सम्मान जताते हुए भारत में 1 जुलाई का दिन डॉक्टर्स (Doctors) को समर्पित है. इस दिन डॉक्टर्स के काम और सम्मान में लोग उन्हें शुभकामनाएं देते हैं.
उनकी सेवा के लिए उनका शुक्रिया अदा करते हैं. कोरोना काल में डॉक्टर्स ने जिस तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाई और लाखों लोगों को मौत के मुंह से बाहर निकाला, जिस तरह से उन्होंने अपना फर्ज निभाया वो सच में एक महान काम है. इतिहास में भी कई ऐसे कई डॉक्टर्स हुए हैं, जिन्हें उनके लिए आज भी याद किया जाता है.
जानें Doctors Day का इतिहास
एक सफल डॉक्टर बनने के लिए कई त्याग और कड़ा परिश्रम करना पड़ता है. साल 1991 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाने की शुरुआत की थी. भारत के महान चिकित्सक को याद करते हुए और डॉक्टर्स के लिए कृतज्ञता दिखाते हुए ही इस स्पेशल डे को सेलिब्रेट किया जाता है. दरअसल, 1 जुलाई को भारत के अद्भुत डॉक्टर बिधान चंद्र राय का जन्म हुआ था. वहीं, 1 जुलाई 1962 को उन्होंने इस दुनिया से विदा ली थी. उन्हीं की याद में इस दिन को डॉक्टर्स डे के तौर पर मनाते हैं.
डॉ बिधान चंद्र राय एक महान डॉक्टर थे. उन्होंने पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की सेवा भी की हैं. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कहने पर राजनीति में कदम रखा था.डॉ बिधान चंद्र राय एक महान समाजसेवी, आंदोलनकारी और अच्छे राजनेता भी थे. उन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान असहयोग आंदोलन में भी हिस्सा लिया था. लोग उन्हें महात्मा गांधी और चाचा नेहरू के डॉक्टर के तौर पर भी जानते थे.
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बिहार में हुआ था जन्म
डॉ बिधान चंद्र राय का जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना जिले में बांकीपुर में हुआ था. उनके पिता श्री प्रकाश चंद्र राय वहां के डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत थे. सरकारी नौकरी होते हुए भी उनके पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. बताया जाता है कि बिधान चंद्र राय बचपन से ही मेधावी छात्र थे. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा भारत से हासिल की थी. उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए थे. डॉक्टर के तौर पर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत सियालदाह से की थी. उन्होंने सरकारी हॉस्पिटल में एक मेहनती, होशियार और अपने काम के प्रति ईमानदार डॉक्टर की जिम्मेदारी निभाई.
डॉ बिधान चंद्र राय महान समाजसेवी थे
डॉ बिधान चंद्र राय को एक महान समाजसेवक के तौर पर भी याद किया जाता है. समाज के प्रति दिए गए उनके योगदान को आज भी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने अपनी पूरी मेहनत की कमाई दान कर दी थी. वहीं, स्वाधीनता की लड़ाई के दौरान भी उन्होंने लाखों घायलों की सेवा की. यही वजह है कि आज भी डॉ बिधान चंद्र राय हमारे लिए एक आदर्श हैं.
डॉक्टर्स को दें शुभकामनाएं
नेशनल डॉक्टर्स डे के इस स्पेशल मौके पर आप भी डॉक्टर्स के काम और उनके सम्मान में उन्हें शुभकामनाएं जरूर दें. आपका थोड़ा सा प्यार और सम्मान उन्हें समाज के लिए और भी बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा.
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