राष्ट्रीय प्रेस दिवस आज: सीएम योगी ने पत्रकारों को दी शुभकामनाएं, जानें क्यों मनाया जाता है National Press Day?
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राष्ट्रीय प्रेस दिवस आज: सीएम योगी ने पत्रकारों को दी शुभकामनाएं, जानें क्यों मनाया जाता है National Press Day?

भारत की 4 जुलाई, 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना हुई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना औपचारिक कामकाज शुरू किया. तब से हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रैस दिवस के रूप में मनाया जाता है.

 

राष्ट्रीय प्रेस दिवस आज: सीएम योगी ने पत्रकारों को दी शुभकामनाएं, जानें क्यों मनाया जाता है National Press Day?

लखनऊ: आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) है. पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है. भारत एक लोकतंत्र देश है. भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी पत्रकारों को ट्वीट कर शुभकामनाएं दी हैं.

सीएम योगी (Cm Yogi) ने ट्वीट करते हुए लिखा-लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ कहे जाने वाले 'प्रेस' की निष्पक्षता, स्वतंत्रता और उच्च नैतिक मापदंडों के प्रति आग्रह को प्रकट करते 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' की सभी पत्रकार जन को हार्दिक शुभकामनाएं। आप लोकतंत्र के 'सजग प्रहरी' हैं। राष्ट्र की उन्नति हेतु आप सभी के प्रयासों को कोटिशः नमन।

क्यों मनाया जाता है National Press Day?
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है. साथ ही ये दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है. प्रेस की आजादी के महत्व के लिए दुनिया को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है. 

प्रथम प्रेस आयोग ने भारत की प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने और पत्रकारिता में उच्च आदर्श स्थापित करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की गई थी. परिणामस्वरुप, भारत की 4 जुलाई, 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना हुई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना औपचारिक कामकाज शुरू किया. तब से हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रैस दिवस के रूप में मनाया जाता है.

इसके चलते सरकारों को पत्रकारों की सेफ्टी भी सुनिश्चित करनी चाहिए. जबकि वर्तमान समय में जर्नलिस्ट की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होने के कारण आए दिन पत्रकारों की हत्या की खबरें अखबार की सुर्खियों में देखने को मिलती है. जो कि सभ्य समाज के लिए शर्म की बात है.

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