Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा, इस रंग का भोग लगाने से मां होंगी खुश, जानें मुहूर्त और मंत्र
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Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा, इस रंग का भोग लगाने से मां होंगी खुश, जानें मुहूर्त और मंत्र

Navratri 2022 Day 1, Maa Shailputri: मां शैलपुत्री गौर वर्ण वाली, श्वेत वस्त्र, बैल पर सवार, हाथों में कमल और त्रिशूल धारण करती हैं. उनकी पूजा करने से व्यक्ति को साहस, भय से मुक्ति, फैसलों पर अडिग रहने, कार्य में सफलता, यश, कीर्ति एवं ज्ञान प्राप्त होता है. विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भी मां शैलपुत्री की पूजा करती हैं....

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा, इस रंग का भोग लगाने से मां होंगी खुश, जानें मुहूर्त और मंत्र

Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल, शनिवार यानी आज से शुरू हो गए हैं. नवरात्रि का समापन 11 अप्रैल को होगा. आज नवरात्रि का पहला दिन है. इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है.  कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं. नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है. ऐसी  मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. 

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हिमालय की पुत्री थीं मां शैलपुत्री
मार्केण्डय पुराण के अनुसार पर्वतराज, यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा. इसके साथ ही मां का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है.  माता सती के आत्मदाह के बाद उनका जन्म पर्वतराज हिमालय के घर कन्या के रुप में हुआ था. फिर उनका विवाह भगवान शिव से हुआ. मां शैलपुत्री गौर वर्ण वाली, श्वेत वस्त्र, बैल पर सवार, हाथों में कमल और त्रिशूल धारण करती हैं. उनकी पूजा करने से व्यक्ति को साहस, भय से मुक्ति, फैसलों पर अडिग रहने, कार्य में सफलता, यश, कीर्ति एवं ज्ञान प्राप्त होता है. विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भी मां शैलपुत्री की पूजा करती हैं. 

मां शैलपुत्री की पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर सफेद कपड़े पहनें. इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गंगा जल  छिड़कें. अब इसके ऊपर मां शैलपुत्री की प्रतिमा स्थापित करें. यदि आपके मंदिर में मां शैलपुत्री की प्रतिमा अलग से नहीं है तो मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं.  मां शैलपुत्री देवी भगवती का ही स्वरूप हैं. 

इस दिन मां को सफेद कपड़े और सफेद फूल चढ़ाना चाहिए. मां को सफेद रंग की मिठाइयों का भोग लगाएं, माता के चरणों में गाय का घी अर्पित करें. इसके बाद मां शैलपुत्री के मंत्रों का 108 बार जाप करें और माता की आरती का पाठ करें. मां को सफेद रंग की चीजें और सफेद रंग की मिठाई प्रिय है, ऐसा करने से मां प्रसन्न रहेंगी.

मां शैलपुत्री मंत्र
मां शैलपुत्री की पूजा करने के दौरान इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:

मां शैलपुत्री की पूजा का मुहूर्त
सुबह 6 बजकर 10 मिनट से प्रात-8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हैं. इस बार कलश स्थापना शनिवार (2 अप्रैल) के दिन शनिवार को होगा. इस दिन  सुबह 6 बजकर 1 मिनट से सुबह 8 बजकर 31 मिनट के बीच कर सकते हैं. इसके अलावा अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 50 मिनट के बीच घटस्थापना कर सकते हैं.

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(नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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