उच्चतम न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हर रोज़ इलाहाबाद HC के आदेशों का उल्लंघन होता है, यह दिनचर्या हो गई है, हर रोज़ एक अधिकारी कोर्ट आ जाता है,यह क्या है? आप अदालत के आदेश का सम्मान नहीं करते हैं....
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गौतमबुद्धनगर: नोएडा की प्राधिकरण की पूर्व सीईओ चीफ रितु माहेश्वरी को गैर ज़मानती वारंट मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने रितु माहेश्वरी को झटका देते हुए अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ अवमानना मामले में पेश नहीं होने पर गैर ज़मानती वारंट जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते तो आपको इसका नतीजा झेलना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने माहेश्वरी के वकील ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग करते हुए अंतरिम राहत की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप IAS अधिकारी हैं, आपको नियम पता हैं. CJI एनवी रमना ने कहा कि हर दूसरे दिन कुछ अधिकारी गंभीर मामलों में भी निर्देश के लिए कोर्ट आ जाते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
उच्चतम न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हर रोज़ इलाहाबाद HC के आदेशों का उल्लंघन होता है, यह दिनचर्या हो गई है, हर रोज़ एक अधिकारी कोर्ट आ जाता है,यह क्या है? आप अदालत के आदेश का सम्मान नहीं करते हैं.
जानें क्या है पूरा मामला
नोएडा के सेक्टर-82 में अथॉरिटी ने 30 नवंबर 1989 और 16 जून 1990 को ‘अर्जेंसी क्लोज‘ के तहत भूमि अधिग्रहण किया था. जिसे जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी. साल 1990 में दायर मनोरमा की याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2016 को अपना फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट ने ‘अर्जेंसी क्लॉज’ के तहत किए गए भूमि अधिग्रहण को निरस्त कर दिया. और मनोरमा कुच्छल को नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत सर्किल रेट से लगभग दोगुनी दरों पर मुआवजा देने का आदेश दिया. इसके अलावा प्रत्येक याचिका पर 5-5 लाख रुपये का खर्च आंकते हुए भरपाई करने का आदेश नोएडा विकास अथॉरिटी को सुनाया था.
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