UP News: मेरठ में पेड़ों पर मिले लेपर्ड के पंजों के निशान के सहारे वन विभाग का ऑपरेशन तेंदुआ चला रहा है. इस काम में हापुड़ ड़िविजन की टीम भी लगाई गई है.
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मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में वन विभाग की टीम का ऑपरेशन तेंदुआ जारी है. वन विभाग की टीम तेंदुए के पंजे के निशान के सहारे उसे पकड़ने की जद्दोजहद में लगी हुई हैं. वहीं, काली नदी के आसपास के इलाकों में जिला वन अधिकारी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. तेंदुए को पकड़ने के लिए रात में भी वन विभाग की टीम पेट्रोलिंग और कॉम्बिंग कर रही हैं.
जिला वन अधिकारी ने दी जानकारी
जिला वन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि तेंदुए के पदचिन्ह और उसके पंजों के निशान मिले हैं. पेड़ों पर भी तेंदुए के पंजे के निशान पाए गए हैं. हापुड़ डिविज़न की टीम भी काली नदी के आसपास तेंदुए की तलाश में जुटी है. उन्होंने बताया कि वन विभाग की दो टीमें कीर्ति पैलेस और नाले के आसपास कॉम्बिंग कर रही है.
गौरतलब है कि मेरठ के जागृति विहार के कीर्ति पैलेस के नाले के पास सड़क के बीचो-बीच तेंदुआ चहल कदमी करते हुए दिखाई पड़ा था. तेंदुए का वीडियो सीसीटीवी में कैद हो गया, जो अब वायरल हो रहा है. हजारों की आबादी वाले इलाके में तेंदुआ आफत न बने, अटैक न कर दे, इसको लेकर लोग उसे पकड़ने की मांग कर रहे हैं. वन विभाग की टीम भी लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है. वन विभाग का कहना है कि तेंदुए को पकड़ने के लिए कई टीमें गठित कर दी गईं हैं. इसके अलावा क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.
तेंदुए की निगरानी के लिए लगाए गए खास कैमरे
आपको बता दें कि विशेष कैमरों से भी तेंदुए की निगरानी की जा रही है. जिला वन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि टीम स्पॉट पर मौजूद है. 24 घंटे निगरानी की जा रही है. जल्द ही तेंदुए को पकड़ लिया जाएगा. इससे पहले भी लगातार पिछले 15 दिनों से अलग-अलग इलाकों में मेरठ शहर क्षेत्र में तेंदुआ देखा जा चुका है. मेरठ कैंट इलाके में भी दो बार तेंदुआ सीसीटीवी (cctv) में कैद हो चुका है. उन्होंने बताया कि ये 15 दिन के भीतर तीसरा मौका है, जब तेंदुआ सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है.
पंद्रह दिन में तीन बार दिखा लेपर्ड
इस मामले में जिला वन अधिकारी राजेश कुमार ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पंद्रह दिन में तीन बार लेपर्ड देखे जाने की सूचना मिली है. जिस क्षेत्र में तेंदुआ देखे जाने की सूचना आई है, वहां लोग रात में न जाएं और अगर जाते हैं, तो झुंड में शोर मचाते हुए जाएं. जिला वन अधिकारी ने का कहना है कि अगर तेंदुए से कभी सामना भी हो जाए तो रिएक्शन न करें.
वाइल्ड एनिमल अटैक नहीं करेगा जितना हो सकें सहज रहें. ह्यूमन प्रेसेंस को वाइल्ड एनिमल अवाइड करते हैं. उन्होंने बताया कि टीम की ट्रैक्यूलाइज़िंग गन आदि उपकरण भी तैयार हैं. राजेश कुमार का कहना है कि अफवाह को न मानें और डरने की जरुरत नहीं है.