लखीमपुर खीरी कांड: पीएल पुनिया का आरोप- अजय मिश्रा टेनी ने की थी जांच प्रभावित करने की कोशिश
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लखीमपुर खीरी कांड: पीएल पुनिया का आरोप- अजय मिश्रा टेनी ने की थी जांच प्रभावित करने की कोशिश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने घटना के समय बार-बार घोषणा की थी कि मेरा बेटा उस समय वहां पर मौजूद नहीं था. उन्होंने किसी ना किसी तरीके से पुलिस, एसआईटी और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की.

अजय मिश्रा टेनी (L) और पीएल पूनिया (R).

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में नया मोड़ आ गया है. एसआईटी ने अपनी जांच में पाया है कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी. एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद अब विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है. बाराबंकी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद एक बार फिर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर सवाल खड़े किए हैं. 

अजय मिश्रा टेनी को जिम्मेदार पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं-पीएल पुनिया
पीएल पुनिया ने कहा है कि लखीमपुर की घटना दर्दनाक है. जिस प्रकार जीप से रौंदकर किसानों को मार डाला गया उसकी इतिहास में कोई जगह नहीं. गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने घटना के समय बार-बार घोषणा की थी कि मेरा बेटा उस समय वहां पर मौजूद नहीं था. उन्होंने किसी ना किसी तरीके से पुलिस, एसआईटी और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की. अब एसआईटी की रिपोर्ट आ चुकी है. रिपोर्ट स्पष्ट है कि यह कोई एक्सीडेंट नहीं सोची-समझी साजिश है और हत्या करने का प्रयास किया गया था. ऐसे व्यक्ति को जिम्मेदार पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं इन्हें बर्खास्त करना चाहिए. 

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3 अक्टूबर को हुई थी लखीमपुर खीरी हिंसा
बता दें कि इसी साल 3 अक्टूबर को यूपी के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार से कुचल दिया गया था. यह घटना तब हुई जब वह एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे. कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी मौजूद थे. घटना के बाद हुई हिंसा में भी 4 लोग मारे गए. घटना के दौरान एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई थी. किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा मौजूद था. 

बीजेपी पर लगातार हमलावर हो रहा है विपक्ष 
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में मामले की पहली सुनवाई आठ अक्टूबर को हुई थी. हिंसा के कई दिनों बाद आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को 9 अक्टूबर को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. अब एसआईटी की जांच रिपोर्ट आ चुकी है. रिपोर्ट स्पष्ट है कि यह कोई एक्सीडेंट नहीं सोची समझी साजिश थी. इसको लेकर एक बार फिर विपक्ष लखीमपुर कांड को लेकर अजय मिश्रा सहित बीजेपी पर हमलावर हो रहा है. 

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