गैंगरेप मामले में प्रेमी की जमानत खारिज, कोर्ट ने कहा- प्रेमिका को बचाने की जगह मूकदर्शक बना रहा बॉयफ्रेंड
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गैंगरेप मामले में प्रेमी की जमानत खारिज, कोर्ट ने कहा- प्रेमिका को बचाने की जगह मूकदर्शक बना रहा बॉयफ्रेंड

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 'खुद को लड़की का प्रेमी कहने वाले का कर्तव्य था कि वह सह अभियुक्तों से लड़की को बचाता. लेकिन, प्रेमी प्रेमिका के साथ हो रही सामूहिक दरिंदगी खड़े होकर खड़ा देखता रहा'.

फाइल फोटो

मो.गुफरान/प्रयागराज: सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी प्रेमी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता के प्रेमी को जमानत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि लड़की की सहमती से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं है. लेकिन यह अनैतिक, असैद्धांतिक एवं भारतीय सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है. 

प्रेमी का आचरण निंदनीय: HC
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि खुद को लड़की का प्रेमी कहने वाले का कर्तव्य था कि वह सह अभियुक्तों से लड़की को बचाता. लेकिन, प्रेमी प्रेमिका के साथ हो रही सामूहिक दरिंदगी खड़े होकर खड़ा देखता रहा. कोर्ट ने कहा इस घटना में प्रेमी का आचरण निंदनीय रहा, वह युवती का प्रेमी कहलाने लायक नहीं है.

आवेदक के वकील ने दिया ये तर्क 
आवेदक के वकील ने तर्क दिया कि धारा 161 और 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज पीड़िता के बयानों में पीड़िता ने स्वीकार किया था कि आवेदक उसका प्रेमी है और उसने सहमति के बाद उसके साथ संबंध स्थापित किया था. वकील ने कहा कि जब पीड़िता संबंधों में व्यस्त थी, दुर्भाग्य से अन्य सह-आरोपी भी मौके पर पहुंच गए. तीनों ने संयुक्त रूप से अपराध को अंजाम दिया और सामूहिक बलात्कार में आवेदक की कोई भूमिका नहीं थी. वकील ने आगे कहा कि कि तीन अन्य सह-आरोपी, जो अजनबी ‌थे, उन्होंने पीड़िता के साथ रेप किया. आवेदक उस गिरोह का सदस्य नहीं है और न ही उसका सह-आरोप‌ियों से कोई संबंध है.

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क्या कहा कोर्ट ने
कोर्ट ने कहा कि जमानत के स्तर पर यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि आवेदक का अन्य सह-आरोप‌ियों के साथ कोई संबंध नहीं है. हालांकि वह खुद भी उसी नापाक अपराध में सहभागी था. कोर्ट ने जमानत से इनकार करते हुए कहा, 'आवेदक कृत्य दु: खद और एक प्रेमी के अनुरूप नहीं था, जो इन अपराधियों से अपनी प्रेमिका को बचा नहीं सका'. कोर्ट ने यह भी कहा, "यदि कोई लड़की वयस्क है तो सहमति से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से यह अनैतिक है और भारतीय समाज के स्थापित सामाजिक मानदंडों के अनुरूप भी नहीं है."

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क्या है पूरा मामला? 
बता दें कि कौशाम्बी के सराय अकील थाने में 20 फरवरी 2021 को मुकदमा दर्ज हुआ था. जिले के करारी थाना इलाके की एक किशोरी पड़ोस के गांव मैहर में संचालित सिलाई सेंटर में सिलाई सीखने जाती थी.पीड़िता के अनुसार वह सिलाई केंद्र गई थी, जहां से उसने प्रेमी को फोनकर मिलने की इच्छा जाहिर की. पीड़िता अपने प्रेमी के साथ बाइक से सराय अकिल थाना के कनैली गांव के नजदीक किलनहाई नदी किनारे दोनों मिले. 

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इस दौरान वहां पर तीन अन्य युवक आ गए. उन्होंने प्रेमी को मारा पीटा और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. इसके बाद डरे सहमे प्रेमी युगल चुपचाप घर चले गए थे. पीड़िता लोक लाज के भय से पुलिस के पास घटना वाले दिन नहीं गई. घटना के अगले दिन उसने हिम्मत कर सराय अकिल थाना पहुंच मामले की सूचना पुलिस को दिया. अधिकारियों को घटना की जानकारी देने के बाद तीन नामजद व एक अज्ञात युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपी प्रेमी राजू को गिरफ्तार कर लिया.

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