शिवपाल बोले- सपा-प्रसपा का गठबंधन होगा या विलय, अखिलेश को जो निर्णय लेना है जल्द लें
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शिवपाल बोले- सपा-प्रसपा का गठबंधन होगा या विलय, अखिलेश को जो निर्णय लेना है जल्द लें

अपना सामाजिक परिवर्तन रथ लेकर गोंडा जा रहे शिवपाल यादव ने बाराबंकी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह पिछले दो वर्षों से प्रयास कर रहे हैं.

शिवपाल बोले- सपा-प्रसपा का गठबंधन होगा या विलय, अखिलेश को जो निर्णय लेना है जल्द लें

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (Progressive Samajwadi Party) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) की गठबंधन को लेकर शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने बड़ा बयान दिया है. शिवपाल सिंह यादव ने कहा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को जो भी निर्णय लेना है जल्द लें. चाहे वह गठबंधन से संबंधित फैसला लेना हो या फिर सपा-प्रसपा के विलय को लेकर. 

शिवपाल यादव परिवर्तन रथ लेकर पहुंचे थे बाराबंकी 
अपना सामाजिक परिवर्तन रथ लेकर गोंडा जा रहे शिवपाल यादव ने बाराबंकी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह पिछले दो वर्षों से प्रयास कर रहे हैं. जो भी करना है अखिलेश जल्दी करें . चाहे गठबंधन करें या विलय करें. लेकिन, उनके लोगों का सम्मान होना चाहिए. जो लोग उनके पीछे हैं, उन्हें सम्मानजनक तरीके से सीटें मिलनी चाहिए. अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बाबत दो साल पहले ही वह कह चुके हैं.

भागीदारी से ही बनेगी सरकार: शिवपाल सिंह 
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव मंगलवार को अपना सामाजिक परिवर्तन रथ लेकर गोंडा जा रहे थे. बाराबंकी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ने के लिए उन्होंने यह सामाजिक परिवर्तन यात्रा शुरू की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में उनकी भागीदारी से ही सरकार बनेगी. सत्ता परिवर्तन होने के बाद हर वर्ग को न्याय मिलेगा. किसानों की आय बढ़ेगी. नौजवानों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि हमने हमेशा त्याग और संघर्ष के बल पर तमाम सरकारें बनाई हैं और बिगाड़ी भी हैं. 

अवध क्षेत्र और पूर्वांचल में रोजगार के साधन हो विकसित: शिवपाल यादव 
शिवपाल यादव ने कहा कि वह चाहते हैं कि अवध क्षेत्र और पूर्वांचल में रोजगार के नए साधन विकसित हों. पश्चिम के किसान बड़ी जोत वाले हैं. लेकिन, अवध और पूर्वांचल के किसान लघु एवं सीमांत हैं. ऐसे में इस क्षेत्र के किसानों के लिए अलग से कार्ययोजना बनाने की जरूरत है. यहां के किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनकी स्थिति के अनुसार रणनीति बनानी होगी. यहां के युवाओं को रोजगार के साधन देने होंगे ताकि वे दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों के मोहताज ना रहें. 

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