सदन में भी दिखी शिवपाल की अखिलेश से नाराजगी! साथ नहीं बैठना चाहते.. उठाई सीट बदलने की मांग
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सदन में भी दिखी शिवपाल की अखिलेश से नाराजगी! साथ नहीं बैठना चाहते.. उठाई सीट बदलने की मांग

चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) की अपने भतीजे और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराजगी अब हर कदम पर दिखने लगी है.

सदन में भी दिखी शिवपाल की अखिलेश से नाराजगी! साथ नहीं बैठना चाहते.. उठाई सीट बदलने की मांग

Shivpal Yadav Seat in Vidhan Sabha: चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) की अपने भतीजे और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराजगी अब हर कदम पर दिखने लगी है. चाचा-भतीजे के बीच दूरियां कितनी बढ़ गई हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शिवपाल अब सदन में सपा विधायकों के साथ भी नहीं बैठना चाहते. इसको लेकर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखा है और सदन में अपनी सीट बदलवाने की मांग की है.

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वरिष्ठता के आधार पर नई सीट की मांग
पत्र में शिवपाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की है कि उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें दूसरी सीट दी जाए. जबकि इस बार सदन शुरू होने से पहले ही सभी विधायकों की सीट तय कर दी गई थी, लेकिन शिवपाल को अपनी सीट पसंद नहीं आ रही. जानकारी के लिए बता दें कि शिवपाल यादव की सीट के बगल में सपा विधायक अब्दुल्ला आजम और मनोज पारस की सीटें हैं.

अखिलेश के पीछ वाली रो में शिवपाल
मालूम हो, चाचा शिवपाल ने सपा सिंबल पर चुनाव लड़ा और जीता था. ऐसे में वह प्रसपा नहीं, सपा विधायक हैं. इसलिए सीट भी सपाइयों के साथ ही मिली है. उनकी सीट भतीजे अखिलेश के पीछे वाली रो में है. अब खबर आ रही है कि शिवपाल यादव ने सतीश महाना से अपनी सीट बदलने की मांग की है. 

12 और सपा विधायकों ने उठाई यह मांग
हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव के अलावा समाजवादी पार्टी के 12 और विधायकों ने भी अपनी सीट बदले जाने की मांग रखी है. उनका कहना है कि जो सीट उन्हें अलॉट की गई है, वहां बैठने में उन्हें तकलीफ हो रही है. 

क्यों फिक्स की गईं विधायकों की सीट्स
बता दें, उत्तर प्रदेश विधानसभा को अब पेपरलेस कर दिया गया है, यानी अब वहां कागज पर कोई काम नहीं होता. काम के लिए टैबलेट लगाए गए हैं. हर सीट पर विधायकों के नाम के टैबलेट फिक्स किए गए हैं, जो केवल उनके लॉग-इन, फिंगर प्रिंट और पास्वर्ड से ही खुलेंगे. सीटें अगर बदली जाती हैं तो टैबलेट भी हटाने पड़ेंगे.

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