सिद्धार्थनगर में बाढ़ ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, देवरिया में भी हालात बिगड़े
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सिद्धार्थनगर में बाढ़ ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, देवरिया में भी हालात बिगड़े

उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बाढ़ के हालात हैं. स्थानीय प्रशासन लगातार राहत कार्यों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में जुटा है.

सिद्धार्थनगर में बाढ़ ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, देवरिया में भी हालात बिगड़े

मनोज चतुर्वेदी/बलिया: बलिया जनपद घाघरा नदी की प्रचंड लहरों और बाढ़ का सामना कर रहा है. बांसडीह तहसील क्षेत्र के टीएस बंधा के पास रेंगहा गांव में रिंग बंधा टूटने से जहां लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं मुख्य टीएस बंधा पर भी खतरा मंडराने लगा है. रिंग बंधे के टूटने से स्थिति और भयावह हो गई. एसडीएम राजेश कुमार गुप्ता के मुताबिक निगरानी रखी जा रही है. जबकि तटवर्ती इलाकों में रहने वाले अचानक आई बाढ़ से खौफ में है. उधर देवरिया जनपद के जिला अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का भ्रमण कर रहे हैं. लगातार बाढ़ प्रभावितों को मदद पहुंचाई जा रही है. राहत की बात यह है कि कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. आजमगढ़ में नदी का जलस्तर घटा है जिससे उम्मीद की जा रही है कि अब यहां भी पानी के जलस्तर में गिरावट आएगी. 

घाघरा का प्रकोप
बाराबंकी जिले में सितंबर और अक्टूबर में आई बाढ़ से तराई वाले सैकड़ों गांव प्रभावित हैं. जिले में सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कुछ गांव में बाढ़ का पानी घुसने से लोग बंधे पर शरण लिए हुए है. वहीं कुछ गांव के आस-पास व गांव में बाढ़ का पानी घुसने से गांव टापू बन गए हैं. क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त होने के चलते चार ब्लॉक के 41 परिषदीय स्कूल बाढ़ प्रभावित चिन्हित किए गए हैं. बाराबंकी प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को राहत सामग्री और मेडिकल सुविधा पहुंचा रहा है.  बाराबंकी जिले में सरयू नदी (घाघरा नदी) में बाढ़ के चलते जिले की तीन तहसील क्षेत्र के करीब 135 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. इस बाढ़ से तराई वाले चार ब्लॉक में सूरतगंज, पूरेडलई, सिरौलीगौसपुर व रामनगर के 41 परिषदीय विद्यालयों को बाढ़ प्रभावित चिह्नित किया गया है. कुछ गांव में बाढ़ का पानी घुसने से लोग तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. वहीं बाढ़ के बावजूद गांव में रह रहे लोग इस समय नदी की तबाही का दंश झेल रहे हैं. 

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राहत एवं बचाव कार्य शुरू
तराई में सरयू की तबाही का दंश झेल रहे बाढ़ पीड़ितों का दर्द बांटने सरकारी अमला उनकी चौखट तक पहुंच गया. एक छोर पर मंत्री तो दूसरे पर डीएम बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे. मंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी तो चारे से लेकर इलाज और अन्य सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए निर्देश दिए. बाढ़ पीड़ितों ने डीएम से कहा कि साहब जमीन दे कर कहीं अलग घर बसा दीजिए. इस पर डीएम ने आश्वासन दिया कि जमीन का इंतजाम कर आवास आवंटित किया जाएगा.

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