यूपी चुनाव 2022: सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का मानना; वर्चुअल रैली के निर्देश से छोटे दलों को होगी दिक्कत
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यूपी चुनाव 2022: सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का मानना; वर्चुअल रैली के निर्देश से छोटे दलों को होगी दिक्कत

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो वर्चुअल और डिजिटल प्रचार की नई व्यवस्था लागू की है. उसके लिए छोटे दलों पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं.

यूपी चुनाव 2022: सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का मानना; वर्चुअल रैली के निर्देश से छोटे दलों को होगी दिक्कत

विशाल सिंह. लखनऊ: चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को टालने और भीड़ को इकट्ठे होने से रोकने के लिए वर्चुअल रैली (Virtual Rally) करने के निर्देश दिए हैं. इससे सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) खासे रुष्ट नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि इस आदेश से छोटे दलों को बहुत दिक्कत होगी.  
ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो  वर्चुअल और डिजिटल प्रचार की नई व्यवस्था लागू की है. उसके लिए छोटे दलों पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. इसके लिए हम इलेक्शन कमीशन से मांग करते है कि वह एक सिस्टम बनाए जिसमें सभी दलों को मीडिया के माध्यम से अपनी बात पब्लिक के आगे रखने का मौका मिले. हम पहले ही अपनी बात जनता तक पंहुचा चुके हैं. हमारा संगठन ग्रासरूट लेवल पर तैयार है. हमारी फ़ौज  बस तारीखों के एलान का इंतज़ार कर रही थी. जब दस मार्च की तारीख को वोट गिने जाएंगे. तो पूरी ताकत से अखिलेश यादव सरकार बनाएंगे.  

उल्लेखनीय है कि कोरोना की रोकथाम के लिए देश में पहली बार ऐसा हो रहा है जब चुनावी रैलियों (Election Rallies) पर रोक लगाकर डिजिटल रैलियों (Digital Rally) के निर्देश दिए गए हैं.  चुनाव आयोग ने ये निर्देश दिया है कि 15 जनवरी तक किसी भी पार्टी रैली या रोड शो नहीं होगा. इसके बाद संक्रमण की स्थिति देखते हुए चुनाव आयोग इस निर्देश की समीक्षा करेगा. वर्चुअल माध्यम से चुनाव प्रचार करने के चुनाव आयोग के इस फरमान पर ओपी राजभर के अलावा समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं. उनका तर्क है कि बीजेपी के लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पहले ही कब्जा जमाए हुए हैं.  जिन कार्यकर्ताओं व पार्टियों के पास संसाधन नहीं है वो वर्चुअल रैली कैसे करेंगे. जो छोटी पार्टियां हैं उन्हें कैसे स्पेस मिलेगा.  

अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग को डिजिटल प्रचार ही कराना है तो वह  राजनीतिक दलों को फंड दें.  जिन पार्टियों के पास  मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं उनकी मदद चुनाव आयोग करे.  

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