Sugarcane Price in UP : यूपी में गन्ना मूल्य का ऐलान जल्द, भाकियू के बाद जयंत चौधरी की योगी आदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी से गरमाया मुद्दा
Sugarcane Price in Uttar Pradesh : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य बड़ा मुद्दा है. भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठन वेस्ट यूपी में इसकी मांग बुलंद करते रहे हैं.
Ganna moolya in UP : उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही सीजन 2022-23 के लिए गन्ना मूल्य (Sugarcane Price) का ऐलान कर सकती है. राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी (RLD Jayant Chaudhary) और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (BKU) इसके लिए सरकार को घेर चुके हैं. गन्ना मूल्य पर जयंत चौधरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को पत्र लिखा है. इसमेंजल्द से जल्द गन्ने का मूल्य घोषित करने की मांग की थी.
जयंत चौधरी ने कहा कि आधा पेराई सत्र बीत जाने के बावजूद अभी तक गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया है. गन्ना किसान अपने उत्पाद मूल्य जाने बिना चीनी मिल को गन्ना सौंपने को मजबूर हैं. ऐसे में चीनी मिल के मनमाने दाम पर ही उन्हें कीमत मिलेगी. चौधरी ने कहा कि पिछले साल चुनाव को देखते हुए तो यूपी सरकार ने 26 दिसंबर 2021 को ही गन्ना मूल्य घोषित कर दिया था. साथ ही गन्ना मूल्य का 14 दिन में भुगतान न होने पर चीनी मिल को ब्याज देने का आदेश भी दिया था. लेकिन गन्ना सीजन सत्र 2022-23 में ऐसा नहीं हुआ.
तीन महीने पेराई सत्र के बीते
गन्ना पेराई सत्र उत्तर प्रदेश में तीन महीने से चल रहा है, लेकिन अभी तक 2022-2023 का गन्ना मूल्य घोषित नहीं हुआ है. किसान गन्ना उत्पादन की लागत बढ़ने की वजह बताते हुए मूल्य वृद्धि की आवाज उठा रहे हैं. किसानों की ओर से 450 से 500 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य तय करने की मांग की है. गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पिछले हफ्ते मुलाकात की थी. चौधरी ने जल्द ही गन्ना मूल्य वृद्धि घोषित करने का संकेत दिया है.
चीनी मिलें 120 से ज्यादा
उत्तर प्रदेश में 120 सरकारी औऱ निजी चीनी मिल हैं. इन मिलों से 60 लाख से अधिक गन्ना किसानों की आजीविका जुड़ी है. नया गन्ना मूल्य घोषित नहीं होने से मिलें पिछले वर्ष घोषित 340-350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को भुगतान कर रही हैं. अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए सपा, रालोद जैसे राजनीतिक दल भी गन्ना मूल्य के मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटे हैं. भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत समेत कई अन्य किसान संगठन भी मोर्चेबंदी में जुट गए हैं.
एफआरपी पर बोनस की मांग
पीएम मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक में पिछले साल 2021-22 के विपणन वर्ष में गन्ने के मूल्य (FRP) में बढ़ोतरी प्रति क्विंटल 15 रुपये की रखी थी. मूल्य वृद्धि के बाद गन्ने का मूल्य 315 रुपये प्रति कुंतल हो गया था. इससे पांच करोड़ से ज्यादा किसानों को फायदा मिला था. करीब पांच लाख चीनी मिल मजदूर भी इससे लाभान्वित हुए थे.
गन्ना मूल्य 450 से ज्यादा हो
उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा की राज्य सरकारें केंद्र के मूल्य पर अपनी ओर से बोनस घोषित करती हैं. इससे गन्ना मूल्य 400 के भी ऊपर पहुंच जाता है. किसानों का कहना है कि डीजल 90 से 100 रुपये प्रति क्विंटल के करीब है. किसानों की खेती की लागत कई गुना बढ़ गई है, ऐसे में मामूली बढ़ोतरी नाकाफी होगी.
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