सम्राट मिहिर भोज की 30 अगस्त को जयंती है. उनकी जयंती के मौके पर जनपद बागपत के मुख्यालय पर स्थित गुर्जर भवन में जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसमें सर्व समाज के लोगों ने 5 कुण्डीय हवन यज्ञ में शामिल होकर आहुतियां दी.
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कुलदीप चौहान/बागपत: सम्राट मिहिर भोज की 30 अगस्त को जयंती है. उनकी जयंती के मौके पर जनपद बागपत के मुख्यालय पर स्थित गुर्जर भवन में जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसमें सर्व समाज के लोगों ने 5 कुण्डीय हवन यज्ञ में शामिल होकर आहुतियां दी. इस मौके पर समाज को कुरीतियों से दूर रखने और युवाओं की शिक्षा को लेकर संकल्प लिया गया. हवन के बाद सामूहिक भंडारे में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. गुर्जर समाज के सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि आज सम्राट मिहिर भोज की जयंती के अवसर पर बागपत गुर्जर भवन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
नशे के खिलाफ शुरू करेंगे मुहिम
सम्राट मिहिर भोज की जयंती के अवसर पर सर्व समाज के लोगों ने एकता का आह्वान किया. इस मौके पर लोगों ने युवाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का संकल्प दोहराया. सभी ने एक मत से कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए कदम उठाया जाएगा. सर्व समाज के लिए लाइब्रेरी खुलवाई जाएगी. इससे हमारे युवा शिक्षा की ओर बढ़ेंगे तथा कुरीतियों से भी दूर रहेंगे.
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कौन थे सम्राट मिहिर भोज
सम्राट मिहिर भोज भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी हिस्से में लगभग 49 वर्षों तक शासन किया था. भोज को प्रतिहार वंश का सबसे महान और प्रतापी शासक माना जाता है. उन्होंने अरब आक्रमणों को रोकने में न सिर्फ अहम भूमिका निभाई बल्कि अपनी विशाल अश्वसेना से दुश्मनों को पराजित किया. इनके काल के सिक्कों पर आदिवाराह की उपाधि मिलती है. इतिहासकार मानते हैं कि वह विष्णु के उपासक थे. इनके बाद इनके पुत्र प्रथम महेंद्रपाल राजा बने.भोज का शासनकाल भारतीय इतिहास के मध्यकाल का वह कालखंड है जिसे तीन साम्राज्यों के युग के नाम से जाना जाता है.