Gonda News: तीन साल से जिंदा होने के लिए भटक रहे दो 'सरकारी मृतक', पेंशन से भी वंचित
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Gonda News: तीन साल से जिंदा होने के लिए भटक रहे दो 'सरकारी मृतक', पेंशन से भी वंचित

गोंडा के दो बुजुर्ग इन दिनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. वह तहसील से लेकर जिला प्रशासन के पास पहुंचकर सिर्फ एक ही बात कह रहे हैं ''साहब हमें कागजों में भी जिंदा कर दो''. दरअसल दोनों बुजुर्गों को तीन साल पहले ही सरकारी कागज में मृत घोषित कर दिया गया. 

Gonda News: तीन साल से जिंदा होने के लिए भटक रहे दो 'सरकारी मृतक', पेंशन से भी वंचित

अंबिकेश्वर पांडे/गोंडा: बुजुर्गों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं संचालित करती है. उत्तर प्रदेश सरकार भी बुजुर्गों को भी हर महीने वृद्धा पेंशन देती है. हालांकि सरकारी योजनाओं में धांधली करने वाले कई बार बुजुर्ग और जरुरतमंद के हक पर भी डाका मारने से बाज नहीं आते हैं. कुछ यही हाल गोंडा में दो बुजुर्गों के साथ हुआ है. यहां भगवती प्रसाद और जगदीश नामक दो बुजुर्ग इन दिनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. अपनी पीड़ा लिए सरकारी कार्यालय पहुंचने पर उन्हें जो भी अधिकारी और कर्मचारी मिलता है ये उनसे कहते हैं ''भईया अभी हम जिंदा है.'' 

दरअसल दोनों बुजुर्गों को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है. अब जब सरकारी दस्तावेज में इंसान को मरा हुआ मान लिया गया तो जाहिर सी बात है उसे पेंशन किस बात की दी जाएगी. बिना जांच-पड़ताल किए दोनों बुजुर्गों की अचानक पेंशन बंद कर दी गई. कई महीनों तक पेंशन न मिलने पर बुजुर्ग अपनी फरियाद लेकर गोंडा के मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार के पास जा पहुंचे. 

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साहब ने मामले की जांच कराई तो ऑनलाइन पोर्टल पर जिंदा लोगों को मृत घोषित देख दंग रह गए. उनका कहना है कि पूरा प्रकरण अब मेरे संज्ञान में आ गया है. इनमें एक बुजुर्ग 70 साल के हैं जबकि दूसरे 92 वर्ष के हैं. जल्द ही इन दोनों वृद्ध व्यक्तियों को पेंशन की व्यवस्था बहाल की जाएगी और जो भी इसमें दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बताया जा रहा है उन्हें लगभग तीन साल पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. मुख्य विकास अधिकारी ने जांच का भरोसा दिया है तो उन्हें अपना हक मिलने की उम्मीद जगी है. हालांकि सवाल यही है कि उनकी इस परेशानी के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी या फिर महज खानापूर्ति कर उन्हें छोड़ दिया जाएगा.

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