बदल जाएगा यूपी पुलिस के काम करने का स्टाइल, ये है योगी सरकार मॉर्डन और टेक्नोसेवी प्लान
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बदल जाएगा यूपी पुलिस के काम करने का स्टाइल, ये है योगी सरकार मॉर्डन और टेक्नोसेवी प्लान

उत्तरप्रदेश की पुलिस जल्द ही आपको देश ही नहीं दुनिया की सबसे मॉर्डन पुलिस के रूप में नजर आएगी. योगी सरकार पुलिस की वर्किंग स्टाइल से लेकर इनवेस्टिगेशन के तौर-तरीकों को आधुनिक बनाने पर जोर दे रही है. आइए जानते हैं क्या है योगी सरकार का प्लान

बदल जाएगा यूपी पुलिस के काम करने का स्टाइल, ये है योगी सरकार मॉर्डन और टेक्नोसेवी प्लान

बरेली: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश में टेक्नोसेवी सीएम के तौर पर जाना जाता है. जनपदों में चल रही विकास परियोजनाओं की वर्चुअली समीक्षा हो या फिर आईपैड और लैपटॉप के माध्यम से फाइलों का निस्तारण. ये सब उनकी कार्यशैली  का हिस्सा है. यही नहीं वह सरकारी विभागों को भी नई और अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने पर अक्सर जोर देते रहते हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश पुलिस है जिसके आधुनिकीकरण के लिए उन्होंने 6000 करोड़ रुपये का बजट जारी किया तो प्रदेश में 18 साइबर थाने और 207 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फॉरेंसिक साइंस के निर्माण को आगे बढ़ाना है. इससे सेफसिटी और सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिला है.

हथियार से लेकर दूसरे संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं

सीएम योगी की मंशा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की गिनती देश की मॉर्डन पुलिस में हो. इसके लिए पुलिस के पास व्हीकल से लेकर अत्याधुनिक हथियार की आवश्यकता थी. इस दिशा में काम करते हुए सरकार ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना की शुरुआत की. इसके तहत 2020 में 56 मीडियम व्हीकल (प्रिजन वैन) के रूप में मंजूर किए गए हैं, जिन्हें 10. 69 करोड़ रुपये की लागत से गृह विभाग खरीद रहा है. इसी योजना में 30 वेपन ग्लॉक, 19 पिस्टल, 30 सीजेड स्कॉर्पियन, 9.19 एमएम सब मशीन गन, 6 एससी 86 थंडर बोल्ट स्नाइपर राइफल को 1.21 करोड़ में खरीदा गया. इसके अलावा 2020 21 और 22 में 1800 बॉडी वॉर्न कैमरा, 2948 फुल बॉडी प्रोटेक्टर फॉर विमेन, 44221 पोस्टमार्टम किट, तीन डीएफएमडी मल्टी जोन, 11 एक्सप्लोसिव वेपर डिटेक्टर, 30 डीएफएमडी सिंगल जोन, 13 एनएलजेडी, एक सीडीआर/ आईपीडीआर एनालिसिस टूल, एक सिमुलेटर फायरिंग रेंज (फोरलेन) एक कनेक्टर ट्यूबलर शूटिंग रेंज को 22.42 करोड रुपये में खरीदा गया है.

 पुलिस की बुनियादी सुविधाओं की दिशा में बड़ा कदम

प्रदेश सरकार ने पुलिस की आधुनिक बनाने के साथ ही उनकी बुनियादी जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया 260.02 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश के 44 जनपदों में 144 आवासीय और अनावासीय परियोजनाओं का लोकार्पण इस दिशा में बड़ा कदम है. यही नहीं सभी जिलों के थानों में महिला इंजरी रूम, होमगार्ड असेंबली कम रिटायरिंग रूम, ग्राम प्रहरी के विश्राम कक्ष के निर्माण का प्रस्ताव है.

विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना

प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के लिए सरकार ने लखनऊ, कानपुर, नोएडा, बनारस में पुलिस कमिश्नरेट की स्थापना की. साथ ही गोरखपुर, गाजियाबाद, कन्नौज, प्रयागराज, गोंडा, बरेली, अलीगढ़ एवं झांसी में भी विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना की गई है. पहले यह सुविधा आगरा, लखनऊ, वाराणसी और मुरादाबाद में थी. चार एटीएस और चार एसटीएफ फील्ड यूनिट कार्यालय बने एटीएस के श्रावस्ती बहराइच अलीगढ़ और मेरठ में फील्ड यूनिट कार्यालय तैयार किए गए हैं. वहीं प्रयागराज बरेली, आगरा और गोरखपुर में एसटीएफ के चार फील्ड यूनिट कार्यालयों की स्वीकृति की जा चुकी है.

1 लाख 62 हजार पुलिसकर्मियों की हुई भर्ती

प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त और दुरूस्त करने के लिए 1 लाख 62 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई. अमेठी और शामली में पुलिस लाइन के निर्माण को मंजूरी दी जा चुकी है. आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश में चार एटीएस बटालियन की स्थापना हुई. वहीं महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए तीन महिला बटालियन और प्रदेश में एसएसएफ का गठन हुआ. साथ ही एसडीआरएफ की तीन बटालियन का भी गठन किया गया. इसके अलावा पीएसी की 54 बंद हुई कंपनियों को क्रियाशील किया। 2017 से तीन भर्तियों के माध्यम से 37588 कार्मिकों की भर्ती की गई है.

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