रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अब भी जारी है. इस बीच परमाणु युद्ध के भी कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में आइये जानते हैं लिटिल बॉय और फैटमैन नामक परमाणु बमों के बारे में, जिन्होंने अकेले ही दूसरे विश्व युद्ध के दौरान तबाही मचा दी थी.
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नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध अब भी जारी है. इसी बीच पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के शुरू होने का अंदेशा लगा रही है. साथ ही लोग उन पुराने युद्ध को भी याद कर रहे हैं, जिनके कारण पूरे विश्व में हद से ज्यादा तबाही मची थी. कई रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर इस बार फिर से विश्व युद्ध हुआ, तो यह एक परमाणु युद्ध होगा. इससे होने वाली तबाही का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.
आज के समय बहुत से देशों के पास परमाणु बम है. इससे होने वाली तबाही का जिक्र किया जाए तो लिटिल बॉय और फैट मैन का ख्याल दिमाग में सबसे पहले आता है. उन परमाणु बमों ने काफी तबाही मचाई थी. दुनिया ने पहले कभी ऐसा मंजर नहीं देखा था और ना ही उसके बाद कभी वैसे हमले की गवाह बनी. आज हम आपको बताएंगे कि लिटिल बॉय और फैट मैन नाम के परमाणु बम कितने ज्यादा खतरनाक थे. उनका इस्तेमाल कब और कहां किया गया था. विश्व इतिहास में इन दो परमाणु बमों की एक अलग कहानी है, जिसके बारे में आज हम विस्तार से जानेंगे.
सबसे पहले कब इस्तेमाल हुए थे लिटिल बॉय और फैट मैन?
साल 1945 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा दो परमाणु बम 'लिटिल बॉय और फैट मैन' का इस्तेमाल किया गया था. इन बमों को जापान में ब्लास्ट किया गया था. इस हमले में लाखों लोग मारे गए थे. इन बमों ने जापान के बहुत बड़े एरिया को प्रभावित किया था, जिसका कई सालों तक असर भी रहा. आज तक के इतिहास में इन दोनों बमों को सबसे खतरनाक माना जाता है.
क्या था पूरा किस्सा?
यह कहानी है दूसरे विश्व युद्ध की, जब कई देश आपस में लड़ रहे थे. 1 सितंबर 1939 को जर्मनी के पोलैंड पर अटैक करते ही दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई थी. देखते ही देखते दुनिया के कई देश इस जंग में शामिल हो गए. रिपोर्ट्स की मानें, तो करीब 6 साल तक चली इस जंग में 5 करोड़ से ज्यादा लोग मारे गए थे. इस युद्ध का अंत बेहद खौफनाक था, लेकिन इन दो बमों से मची तबाही के बाद ये युद्ध पूरी तरह से थम गया.
साल 1945 में विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी बॉम्बर ने 6 अगस्त को जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया था. जिसमें करीब 1,40,000 लोग मारे गए. इसके ठीक तीन दिन बाद ही यानी 9 अगस्त को अमेरिकी बॉम्बर द्वारा दूसरा परमाणु बम जापान के ही नागासाकी शहर पर गिराया गया. इसके कुछ दिन बाद ही जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसी के साथ दूसरे विश्व युद्ध का अंत हो गया. जो परमाणु बम गिराए गए उनका नाम लिटिल बॉय और फैट मैन रखा गया. जिन्होंने कुछ सेकंड में ही पूरे देश को तबाह कर दिया था.
कैसा था तबाही का मंजर?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जापान के समयानुसार ठीक 8 बजकर 15 मिनट पर अमेरिकी बॉम्बर 'एनोला गे' से लिटिल बॉय हिरोशिमा शहर के ऊपर गिरना शुरू हुआ. लिटिल बॉय को एनोला गे से नीचे आने में पूरे 43 सेकेंड का समय लगा. वहीं, तेज हवाओं के चलते उसका रुख बदल गया और वह अपने लक्ष्य 'अओई ब्रिज' से करीब 250 मीटर दूर 'शीमा सर्जिकल क्लीनिक' के ऊपर जाकर फटा. इसके विस्फोट होते ही वहां का तापमान अचानक से दस लाख सेंटीग्रेड के करीब पहुंच गया.
एक ही क्षण में वहां की इमारतों को छोड़ धरती पर मौजूद हर चीज गायब हो गई. विस्फोट का असर इतना भयंकर था कि ग्राउंड जीरो से 15 किलोमीटर दूर तक हर इमारत की खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए. हिरोशिमा शहर की करीब दो तिहाई इमारतें एक सेकंड के अंदर ध्वस्त हो गईं. एक क्षण में ही हिरोशिमा शहर के 30 प्रतिशत लोग यानी करीब 80 हजार लोगों की मौत हो गई.
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