सीमा कुशवाहा के एडवोकेट करियर का यह पहला केस था, जिसमें 8 साल बाद दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. जानकारी के मुताबिक, कुशवाहा पहले वकील नहीं बनना चाहती थीं, बल्कि उनका सपना आईएएस अफसर बनने का था. वह यूपीएससी एग्जाम भी देनें वाली थीं, लेकिन किस्मत ने उन्हें वकालत की राह पर मोड़ दिया...
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Seema Kushwaha BSP: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की शुरुआत से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेतृत्व ने एक बड़ा फैसला लिया है. बसपा ने आज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता का ऐलान कर दिया है. इसके लिए बीएसपी ने एडवोकेट सीमा कुशवाहा को चुना है. बतादें, अधिवक्ता सीमा ने कुछ दिन पहले ही बसपा जॉइन की थी. वहीं, यह भी बता दें कि सीमा कुशवाहा ने ही निर्भया केस के दोषियों को सजा दिलाई थी.
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बिना पैसे लिए लड़ा था निर्भया का केस
सीमा कुशवाहा उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई पूरी की. जानकारी के मुताबिक, जिस समय निर्भया कांड हुआ, उस समय सीमा कुशवाहा कोर्ट में ट्रेनिंग पीरियड पर थीं. निर्भया केस के बारे में जैसे ही उन्हें पता चला, उसे इंसाफ दिलाने के लिए बिना किसी फीस के लड़ाई लड़ी.
IAS अफसर बनना चाहती थीं सीमा
बता दें, सीमा कुशवाहा के एडवोकेट करियर का यह पहला केस था, जिसमें 8 साल बाद दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. जानकारी के मुताबिक, कुशवाहा पहले वकील नहीं बनना चाहती थीं, बल्कि उनका सपना आईएएस अफसर बनने का था. वह यूपीएससी एग्जाम भी देनें वाली थीं, लेकिन किस्मत ने उन्हें वकालत की राह पर मोड़ दिया.
सात चरणों में होगा उत्तर प्रदेश में चुनाव
मालूम हो, यूपी में 7 चरणों में इलेक्शन होने वाले हैं. पहला चरण 10 फरवरी को और आखिरी चरण 7 मार्च को है. 10 मार्च को यह फैसला हो जाएगा कि प्रदेश की सत्ता किस पार्टी के हाथ में जाएगी.
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