UP Electricity Workers : उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने फिर सरकार को अल्टीमेटम दिया है. बिजलीकर्मियों ने अपनी कुछ मांगों को पूरा करने को लेकर सरकार को चार दिन की मोहलत दी है.
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UP Electricity Workers : यूपी में बिजलीकर्मियों की 72 घंटे की हड़ताल भले ही खत्म हो गई हो लेकिन बिजली संकट पूरी तरह से टला नहीं है.बिजली कर्मियों ने फिर से आवाज बुलंद करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार को 2 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है. राज्य विद्युत कर्मचारी संघ ने कार्रवाई वापस लेने की मांग उठाई है. संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति और विद्युतकर्मियों के निलंबन, एफआईआर समाप्त करने की मांग पूरी न होने को लेकर ये असंतोष उभरा है. विद्युत कर्मचारियों ने फिर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.आश्वासन के बावजूद विद्युत कर्मियों की सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाया गया है.
बिजली कर्मचारियों ने मार्च में ही तीन दिनों की हड़ताल को कुछ घंटों पहले ही वार्ता के जरिये खत्म किया था. इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल के तमाम जिलों में विद्युत आपूर्ति गड़बड़ाई थी. मुजफ्फरनगर, बागपत, संभल, मुरादाबाद से लेकर लखनऊ तक बिजली कटौती का दंश लोगों को झेलना पड़ा था. इसके बाद सरकार ने एस्मा लगाने की चेतावनी कर्मचारियों को दी थी. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए करीब 3000 संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. विद्युत कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों पर भी एफआईआर की गई थी. हालांकि बाद में दोनों पक्षों के बीच लंबी बातचीत में हड़ताल समय से पहले खत्म कर दी गई थी.
बिजली कर्मचारियों ने फिर बुलंद की आवाज
सरकार को 2 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया
निलंबन और FIR रद्द करने की मांग @aksharmaBharat @UPPCLLKO @CMOfficeUP pic.twitter.com/3MJVs1xu2U— Zee Uttar Pradesh Uttarakhand (@ZEEUPUK) March 29, 2023
कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि ऊर्जा मंत्री ने संविदा कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई वापस लेने का वादा किया था, लेकिन वो पूरा होते नहीं दिख रहा है. कानूनी कार्रवाई के डर से ये कर्मी ठीक ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें पुलिस कार्रवाई का डर सता रहा है. हालांकि सरकार की ओर से अभी इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं आया है.
बिजलीकर्मियों के समर्थन में राज्य कर्मचारियों ने मंगलवार को सभा की थी. बड़ी संख्या में कर्मचारी दो घंटे सत्याग्रह और विरोध पर बैठे थे. हड़ताल के दौरान हुई कार्रवाई वापस लेने की मांग के संबंध में राज्य कर्मचारी और शिक्षक भी बिजली कर्मचारियों के साथ आए. बिजली कर्मचारियों के समर्थन में राज्य निगम निकाय कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने मंगलवार को विरोध सभा और सत्याग्रह करने का निर्णय लिया था.
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