यूपी में एक ओर निवेशकों को निवेश के लिए बेहतर माहौल मिल रहा है. वहीं, श्रमिकों के हितों का राज्य सरकार पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
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लखनऊ: यूपी में एक ओर निवेशकों को निवेश के लिए बेहतर माहौल मिल रहा है. वहीं, श्रमिकों के हितों का राज्य सरकार पूरा ख्याल रखा जा रहा है. प्रदेश में निवेश बढ़ने और नए उद्योगों के लगने से स्थानीय स्तर पर श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होने से काफी हद तक पलायन को रोकने में भी सफलता मिलेगी.
यूपी भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से पिछले पांच सालों में श्रमिक कल्याण के लिए श्रम सुधारों और योजनाओं में तेजी से काम किया गया. श्रमिक पंजीयन के तहत बोर्ड में साल 2017 से मार्च 2022 तक कुल 1,11,40,762 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया. अधिष्ठान पंजीयन के तहत बोर्ड में साल 2017 से मार्च 2022 तक कुल 1,43,229 निर्माण स्थलों का पंजीयन किया गया.
प्रदेश में साल 2017 से 2022 तक 115.69 लाख निर्माण श्रमिकों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जा चुका है. आपदा राहत सहायता योजना के तहत कोविड-19 में 99.52 लाख श्रमिकों को 992.59 करोड़ की धनराशि भरण-पोषण भत्ते के रूप में डीबीटी के जरिए दी गई.
प्रदेश सरकार की ओर से नए निवेशकों को निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया. कृषि क्षेत्र में बेहतर संभावनाओं वाले यूपी के 75 जिलों को जीबीसी थ्री के तहत अलग अलग क्षेत्रों में 80211.43 करोड़ के 1406 प्रोजेक्टस से रोजगार को योगी सरकार बूस्टर की डोज मिली. इन प्रोजेक्ट्स में इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि, आईटी, पर्यटन, अक्षय ऊर्जा, एयरोस्पेस, हथकरघा,विनिर्माण और कपड़ा समेत कई सेक्टर शामिल हैं.
प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट फरवरी 2018 में आयोजित किया गया था, जबकि पहला ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 29 जुलाई, 2018 को और दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 28 जुलाई, 2019 को आयोजित किया गया था। पहले ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान, 61,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया था और दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में 67,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 290 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया था.
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