UP NEWS: 20 साल बाद जब पत्नी से मिला शख्स, आंखों से निकल आए अश्क, माला पहनाकर लिया अपना
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UP NEWS: 20 साल बाद जब पत्नी से मिला शख्स, आंखों से निकल आए अश्क, माला पहनाकर लिया अपना

दुल्हन बन कर मंशा ससुराल आई. तीन माह तक वह पति के साथ ससुराल में रही. गर्भवती होने पर मायके जाने की बात कही. इस पर रामजस ने उसे मायके भेज दिया....

UP NEWS: 20 साल बाद जब पत्नी से मिला शख्स, आंखों से निकल आए अश्क, माला पहनाकर लिया अपना

अमित त्रिपाठी/महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां पर रह रहे पूर्वांचल के कुशीनगर के दम्पत्ति के बीच रिश्तों में कड़वाहट इस कदर आई जिसे दूर होने में जवानी गुजर गई. बुढ़ापा आ गया, लेकिन दोनों ने अपना घर नहीं बसाया. एक-दूसरे के बारे में सोच कर सिसकते रहते थे. रामजस के छोटे भाई जो महराजगंज में रहते है उनकी बहू पूनम ने दोनों की कहानी जान उनको मिलाने की ठान ली. पहले अलग-अलग दोनों से मिली फिर उनसे बात की. इसके बाद दोनों की मोबाइल पर बात कराई. इससे दोनों के रिश्ते पर जमी बर्फ तेजी से पिघलने लगी. बीस साल बाद महिला अपने मायके से बेटे के साथ ससुराल पहुंची तो पति की आंख से आंसू छलक आया. पति ने पत्नी को माला पहनाकर अपना लिया.

क्या है पूरा मामला? 
कुशीनगर जनपद के छितौनी कस्बे के निवासी रामजस मद्धेशिया की पहली पत्नी का देहांत हो गया था. परिवार में दो छोटे बच्चे थे. बेटा दिव्यांग था. बच्चों की परवरिश व घर-गृहस्थी चलाने के लिए रिश्तेदारों ने रामजस को दूसरी शादी करने का सलाह दिया. उस समय रामजस की उम्र करीब चालीस साल थी. लोगों के समझाने के बाद वह शादी के लिए तैयार हुए. रिश्ता ढूंढने की बात चलने लगी. नेपाल के कुसुम्हा में मंशा नाम की एक महिला रामजस से शादी के लिए तैयार हुई. मंशा की भी शादी हो चुकी थी, लेकिन उसका भी तलाक हो गया था. वर्ष 2002 में रामजस व मंशा की शादी हुई.

गर्भवती होने पर चली गई मायके 
दुल्हन बन कर मंशा ससुराल आई. तीन माह तक वह पति के साथ ससुराल में रही. गर्भवती होने पर मायके जाने की बात कही. इस पर रामजस ने उसे मायके भेज दिया. इसी दौरान किसी बात को लेकर दोनों के बीच मनभेद हो गया.रामजस कई बार ससुराल गए, लेकिन मंशा उनके साथ नहीं आई. फिर रामजस ससुराल जाना ही छोड़ दिए. दोनों बच्चों का परवरिश कर उनकी शादी किया. बहू भी आ गई. अपने व्यवसाय में व्यस्त हो गए.

20 साल बाद एक साथ रहने को राजी हुए 
उधर मंशा भी बेटे को जन्म दी. उसे पढ़ा-लिखाकर ग्रेजुएट बनाई. दोनों अपनी जिंदगी जी रहे थे, लेकिन रामजस मद्धेशिया के छोटे भाई की बहू पूनम को जब इसकी जानकारी हुई तो वह दोनों को मिलाने की ठान ली, जिसके बाद पूनम ने अलग-अलग बातचीत कर दोनों को राजी करवाया और उसका यह प्रयास उस समय सफल हो गया जब दोनों 20 साल बाद एक दूसरे के साथ फिर से रहने को राजी हो गए.

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