समाजवादी पार्टी की नजर यूपी की करीब 6.46 करोड़ महिला वोटरों पर है, पर इस बड़े वर्ग को पार्टी से जोड़ने और उन्हें वोटों में तब्दील करने के लिए सपा ने चला है मास्टर स्ट्रोक..
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी महिला वोटरों को रिझाने के लिए भाजपा और कांग्रेस की प्रियंका गांधी ओर से किए जा रहे बड़े वादों की काट खोज लाई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जहां हर वर्ग के वोटरों को रिझााने के लिए पूरे प्रदेश में रथयात्रा निकाल रहे हैं, वहींं पार्टी ने महिला वोटरों को अपने खेमे में लाने के लिए अब एक बडा दांव चलने की तैयारी की है. यह दांव होगा ममता बनर्जी, जया बच्चन और डिंपल यादव की तिकड़ी, जिसे पार्टी अपने चुनावी कैंपेन में उतारने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव में 40 फीसदी महिला प्रत्याशी लड़ाने की बात कर चुकी हैं, इससे सभी दलों पर महिलाओं को लेकर प्रेशर था. सपा ने इसके तोड़ के लिए मंत्र खोजा है 'जया, ममता और डिंपल'... पढ़िए पूरी खबर...
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जहां-जहां मोदी, वहां-वहां ममता
समाजवादी पार्टी की नजर यूपी की करीब 6.46 करोड़ महिला वोटरोंं पर है, पर इस बड़े वर्ग को पार्टी से जोड़ने और उन्हें वोटों में तब्दील करने के लिए सपा के पास कोई बड़ा महिला चेहरा नहीं है, केवल अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव ही हैं. अपनी इस कमी को पूरा करने और महिला वर्ग के वोटरों को आकर्षित करने की महत्वाकांक्षी रणनीति के चलते ही पार्टी की नजर ममता, जया और डिंपल की तिकड़ी पर जाकर अटकी. अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और राज्यसभा सांसद जया बच्चन तीनों उत्तर प्रदेश में सपा के लिए एक ही रथ से प्रचार कर सकतीं हैं. ममता बनर्जी को जिम्मेदारी देकर खासतौर पर उन जगहों पर भेजा जाएगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैली करेंगे, क्योंकि ममता खुद को राष्ट्रीय स्तर पर मोदी की टक्कर का नेता बताने की इच्छा रखती हैं तो उन्हें तैयार करने के लिए सपा को कोई खास मेहनत नहीं करनी पड़ी. ममता सहज ही इसके लिए तैयार हो गईं होंगी. सपा और तृणमूल के बीच बातचीत लगभग फाइनल हो चुकी है. कभी भी इस बारे में दोनों पार्टियों की ओर से गठबंधन की घोषणा की जा सकती है. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के अनुसार इस गठबंधन से आगामी लोक सभा चुनावों के लिए भी नए समीकरण और विकल्प खुले हैं.
कैसी होगी रथ यात्रा
सपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी इस यात्रा के स्थान तय नहीं किए गए हैं. पर यह तय है कि पार्टी इस यात्रा को पूर्वांचल और अवध इलाके पर ज्यादा फोकस रखेगी. इस अंचल में बीजेपी बहुत ज्यादा मजबूत है, तो उसके गढ़ को हिलाने सपा को मजबूत तैयारी करनी होगी, क्योंकि पश्चिम में किसान आंदोलन की वजह से बीजेपी बैकफुट पर लग रही है और तराई के इलाकों में लखीमपुर घटना की वजह से उसका वोट आधार खिसका सकता है, तो सपा उन दोनों जगहों पर किसानों के मुद्दे को ही सामने रखकर अपना प्रचार करेगी और पूर्वांचल में ममता-जया-डिंपल की तिकडी के जरिए हमलावर हो सकती है.
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एक कारण यह भी
इस यात्रा का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि सपा के कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी बढ़ाने के आरोप लगते रहते हैं और महिलाओं के बीच इन मुद्दों से पार्टी की छवि बिगड़ती है. अब इस छवि को सुधारने इन तीनों महिलाओं को प्रदेश के एक साथ दौरे की जिम्मेदारी दिए जाने की तैयारी है. इससे पहले बंगाल में ममता बनर्जी के समर्थन में सपा की जया बच्चन ने रैली निकाली थी. अब सपा द्वारा किए गए हाथ बढ़ाने के प्रयासों का ममता द्वारा प्रतिफल दिया जा रहा है.
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