रिंकू सिंह राही ने अपने अंतिम प्रयास में भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक में 683वां स्थान हासिल किया.. राही हापुड़, उत्तर प्रदेश के एक प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) अधिकारी हैं....वर्तमान में, वह राज्य समाज कल्याण विभाग में एक अधिकारी हैं..
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UPSC Exam Success: आज से 13 साल पहले चेहरे पर मारी गई थीं सात गोलियां.... एक गोली से एक आंख की रोशनी चली गई.... लेकिन इस इंसान ने हिम्मत नहीं हारी.... हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के एक पीसीएस अधिकारी रिंकू सिंह की... रिंकू की हिम्मत और जज्बे का नतीजा है कि रिंकू सिंह राही ने अपने अंतिम प्रयास में भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक में 683वां स्थान हासिल किया है. यूपीएससी की परीक्षा में वह आईएएस के तौर पर चयनित हुए हैं.
भ्रष्टाचार से लड़ने का ऐसा साहस बिरले अधिकारियों मे ही देखने को मिलता है. ये भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध इस अधिकारी के संघर्ष का रिजल्ट है. यूपीएसी परीक्षा पास करने के एक बार फिर से देश में व्यवस्था सुधारने की हिम्मत दिखाई.
किया था करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश, माफियाओं ने मारी सात गोलियां
बता दें कि आज से 13 साल पहले 2009 में पीसीएस पद पर रहते हुए रिंकू राही ने करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश किया था. जिससे नाराज होकर माफियाओं ने रिंकू को 7 गोलियां मारी थीं. उनकी जिंदगी तो बच गई लेकिन उनकी एक आंख की रोशनी चली गई. इतना ही नहीं उनके एक तरफ के कान में सुनाई नहीं देता है. वहीं एक गोली अभी भी सिर में फंसी हुई है. इसके बावजूद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा को पास करने का दृढ़ संकल्प लिया और आज उसको हासिल किया. उन्होंने आखिरकार 683वीं रैंक हासिल कर एक मिसाल कायम कर दी है.
आसान नहीं थी जिंदगी
रिंकू राही की जिंदगी बहुत आसान नहीं थी. आर्थिक तंगी के कारण 12वीं तक सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर रिंकू ने खुद को इस काबिल बनाया कि स्कॉलरशिप लेकर बीटेक की पढ़ाई की. मूलरूप से अलीगढ़ के रहने वाले रिंकू राही साल 2008 में पीसीएस में चयन होने के बाद मुजफ्फरनगर में समाज कल्याण अधिकारी बने. इस दौरान उन्होंने 2009 में विभाग में चल रहे घोटालों का पर्दाफाश किया था.
राज्य समाज कल्याण विभाग में अधिकारी रिंकू राही
बता दें कि फिलहाल रिंकू राही राज्य समाज कल्याण विभाग में अधिकारी हैं. अब रिंकू राही की चयन यूपीएसी में हो गया है. इससे पहले 2004 में उन्होंने प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा पास की थी. राही ने मीडिया को बताया कि हमले में चेहरे पर गोली लगने से मेरी एक आंख की रोशनी चली गई. बताया जाता है कि रिंकू ने पुलिस अधिकारियों को भी खुद पर संभावित हमले के बारे में पहले ही आगाह किया था लेकिन इसके बाद भी 26 मार्च 2009 को उन पर जानलेवा हमला हो गया.
रिंकू का कहना है कि उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए समय निकालना मुश्किल होता है कि लेकिन वे संकल्प को लेकर दृढ़ थे. उन्होंने कहा कि मेरे लिए जनहित महत्वपूर्ण है. यदि कभी स्वार्थ और जनहित के बीच टकराव होता है, तो मैं जनहित को ही हमेशा चुनूंगा. अपने लिए पढ़ाई का समय निकालने के साथ ही वह पिछले तीन साल में करीब 300 स्टूडेंट्स को सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कराकर अफसर बना चुके हैं.
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