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मयूर शुक्ला/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 16 पिछड़े जिलों में भी अब मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. शासन और कॉरपोरेट अस्पताल पीपीपी (Public Private Partnership) मोड में इनका निर्माण करने वाले हैं. बता दें, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने और सुचारू रूप से चलाने के लिए योगी सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाई है. इसी के तहत अब 16 पिछड़े जिलों में कॉरपोरेट अस्पताल, निजी मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय की मदद से मेडिकल कॉलेज खोलने पर सहमति बनी है. इसको लेकर अगले सप्ताह अस्पताल के प्रतिनिधि और शासन के बीच चर्चा होगी.
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पीपीपी मोड के मेडिकल कॉलेज पर पूरा ध्यान
देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे कॉरपोरेट अस्पताल, निजी मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय इन जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए आगे आए हैं. वह इन 16 जिलों में प्राइवेट अस्पताल जैसी सुविधाएं देना चाहते हैं. इस पहल को शासन ने हाथों-हाथ लिया है. प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि 9 मेडिकल कॉलेजों को एनएमसी (National Medical Commission) की मंजूरी मिलने के बाद अब पूरा ध्यान पीपीपी मोड के मेडिकल कॉलेजों पर है. कई कॉरपोरेट समूहों से बात चल रही है. जल्द ही इन कॉलेजों की स्थापना का कार्य शुरू हो जाएगा.
59 जिलों में मेडिकल कॉलेज
आपको बता दें कि अब तक यूपी के 59 जिलों को मेडिकल कॉलेज से कवर कर लिया गया है. इनमें-
41 पूरी तरह से बनकर तैयार
18 में निर्माण कार्य जारी
जिन 16 जिलों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज बनने हैं, उनमें से 10 जिलों में जमीन चिन्हित कर ली गई है. बाकी 6 जिलों में जमीन की तलाश अंतिम चरण में है.
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इन जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
पीपीपी मोड में 16 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे इन जिलों में शामिल हैं-
श्रावस्ती | शामली | संतकबीरनगर |
संभल | रामपुर | मऊ |
मैनपुरीमहोबा | महाराजगंज | कासगंज |
भदोही | बलिया | बागपत |
हाथरस | हमीरपुर | चित्रकूट |
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चुनाव से पहले सभी कॉलेजों की नींव डालने की कोशिश
चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से अगले हफ्ते एक समिट का आयोजन होगा, जिसमें प्रदेश सरकार और पिछड़े जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने को इच्छुक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच पीपीपी मोड के दोनों मॉडलों पर चर्चा होगी. जिन जिलों के लिए 2 या इससे अधिक कॉरपोरेट अस्पताल रुचि दिखाएंगे, वहां के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी. विधानसभा चुनाव से पहले इन कॉलेजों के नींव पड़ जाए, सरकार इस कवायद में लगी है.
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