देव दीपावली के पावन पर्व पर घाट किनारे तमाम होटल, लॉज, बजड़े (बड़ी नाव), नाव की बुकिंग अभी से शुरू हो चुकी है. त्योहार के मद्देनजर घाट पर 22 बजड़े और नाव को चलाने की तैयारी की गई है, ताकि लोगों को गंगा आरती और घाट किनारे जलते दीपों को देखने के लिए परेशानी नहीं हो.
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वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में देवताओं के धरा पर उतरने का महापर्व देव दीपावली मनाने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. बनारस के घाटों पर जब दीपों की रोशनी से एक साथ 84 घाट जगमाते हैं तो लगाता है जैसे धरती पर सितारे उतर आए हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने शासनकाल की आखिरी देव दीपावली को काफी भव्य बनाने में तैयारी कर रही है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसबार काशी के गंगा घाटों पर करीब 15 लाख दीये जलाए जाएंगे.
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तीन लाख रुपये में हो रही बजड़े की बुकिंग
देव दीपावली के पावन पर्व पर घाट किनारे तमाम होटल, लॉज, बजड़े (बड़ी नाव), नाव की बुकिंग अभी से शुरू हो चुकी है. त्योहार के मद्देनजर घाट पर 22 बजड़े और नाव को चलाने की तैयारी की गई है, ताकि लोगों को गंगा आरती और घाट किनारे जलते दीपों को देखने के लिए परेशानी नहीं हो. ये पर्व 18 नवंबर को मनाया जाना है. ऐसे में काशी में पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसायियों के चेहरे खिल उठे हैं. जहां एक तरफ सभी होटल बुक हो चुके हैं तो वहीं देव दीपावली पर 3 घंटे के लिए ढाई से तीन लाख रुपये में बजड़े की बुकिंग हो रही है. पिछले साल कोरोना के कारण मार्केट में भी खास खरीदारी नहीं हुई थी, लेकिन इसबार छोटे-बड़े सभी दीये बनाने वालों को काफी फायदा हुआ है.
बीच गंगा से देख पाएंगे घाटों का अद्भुत नजारा
बता दें देव दीपावली पर काशी में गंगा घाटों पर दीयों की खूबसूरती का साक्षी बनने के लिए पर्यटकों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है. यही वजह है कि अधिक कीमत होने के बावजूद भी यात्री होटलों और नाव की बुकिंग के लिए बड़ी कीमत चुकाने को तैयार हैं. लोगों को दिक्कत नहीं हो इस वजह से गंगा नदी के बीचों बीच से दीयों की खूबसूरती देखने के लिए नावों व बजड़ों की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही नॉन मोटराइज्ड सजे हुए छह बजड़े चलाए जाने की योजना है, जिसमें 60 लोगों को एक बजड़ा पर बैठने की व्यवस्था की गई है. सुरक्षा के चलते इन सभी में लाइफ जैकेट भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा घाटों को और सुदंर बनाने के लिए लगभग 15 सैंड आर्ट बनवाई जाएंगी. ये सभी आर्ट वाराणसी की कला व संस्कृति पर आधारित होंगी.
विश्व विख्यात है काशी की देव दीपावली
कार्तिक पूर्णिमा पर बनारस में चांद की रोशनी के साथ घाटों पर दीपों का अद्भुत जगमग प्रकाश देवलोक की छटा बिखरेता है. इसे देखने के लिए ना सिर्फ काशीवासी बल्कि देश-दुनिया से लाखों की संख्या में पर्यटक बनारस आते हैं.
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