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संतोष कुमार/लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ के रहने वाले आसिफ आज हर किसी के लिए मिसाल हैं. उन्होंने अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर खेती की तरफ रूख किया. आज जब हर किसी का सपना नौकरी पाकर अपना घर चलाना है तो वहीं ये व्यक्ति उस काम को करने में जुटा है जिसे पढ़ा लिखा समाज करने से बचता है. आसिफ अपनी फूलों की खेती से खुद तो कमाई कर ही रहे हैं और इसके साथ ही दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. आज आसिफ अजीज की गिनती जिले के एक प्रगतिशील किसान के रूप में की जाती है.
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इंजीनियरिंग छोड़ शुरू की खेती
जमुनहा क्षेत्र के नदईडीह गांव के रहने वाले आसिफ अजीज ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद नौकरी शुरू की. एक दिन वह बाराबंकी के रहने वाले अपने दोस्त के यहां घूमने गए जहां उन्होंने फूलों की खेती देखी. इसी से प्रभावित होकर आसिफ ने नौकरी छोड़, फूलों की खेती करने का फैसला किया. अपने दोस्त से प्रेरणा लेकर आसिफ ने हरियाणा के करनाल से इंडो इजराइल प्रोजेक्ट में एक हफ्ते की ट्रेनिंग ली. वहां पर उन्होंने पॉली हाउस में खेती करने का गुण सीखा. प्रशिक्षण लेने के बाद आसिफ अपने गांव आए और उन्होंने सरकार से ग्रांट लेने के लिए कृषि विभाग से संपर्क किया.
फूलों से कर रहे लाखों की कमाई
आसिफ को सरकार से 29 लाख रुपये का अनुदान मिला. उन्होंने एक एकड़ जमीन पर 58 लाख की लागत से एक पॉली हाउस बनवाया. जिसमें उन्होंने हालैंड के फूल जरबेरा की खेती शुरू की. आसिफ बताते हैं कि उनके यहां रोज करीब चार से पांच हजार फूल तोड़े जाते हैं. यहां से वे इन फूलों को लखनऊ की फूल मंडी में भेजते हैं. वहां पर उन्हें फूलों की अच्छी-खासी कीमत मिल जाती है. यहीं नहीं शादी विवाह के सीजन में फूलों की डिमांड बढ़ने से उनकी कमाई और अधिक बढ़ जाती है. फूलों की खेती से हर साल आसिफ को करीब 14 से 15 लाख रुपये की आमदनी होती है.
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अंतरराष्ट्रीय पुष्प मेले में मिला पहला पुरस्कार
आसिफ अजीज सिद्दीकी को काठमांडू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पुष्प मेले में फूलों की उन्नत खेती के लिए प्रथम पुरस्कार भी मिल चुका है. आसिफ ने आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश के किसानों और युवाओं के लिए मिसाल पेश की हैं.
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