इसको लेकर व्यास पीठ के महंत जितेंद्र नाथ व्यास ने कहा कि यह सारी जमीन व्यास परिवार की ही है. उसी पर मस्जिद बनी है. दशकों से उनका परिवार इसको लेकर मुकदमा लड़ रहा है. उनका कहना यह है कि जह हाई कोर्ट आगरा में हुआ करता था, तबसे यह केस चल रहा है...
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विशाल सिंह/वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि 17 मई तक सर्वेक्षण पूरा कर लिया जाए और इसकी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट की जाए. अब इस पूरे मामले में तमाम तरह के तर्क सामने आ रहे हैं. सब अपने-अपने दावे कर रहे हैं. कोई कह रहा है कि यह पहले से मस्जिद थी, किसी का कहना है कि वहां भूतल में भगवान की मूर्तियां मिली थीं. इन सभी दावों के बीच वाराणसी में रहने वाले व्यास परिवार ने यह दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद की जमीन का मालिकाना हक उनके परिवार के पास है. पिछले करीब 150 साल से वे इस जमीन पर पूरा हक पाने के लिए केस लड़ रहे हैं, जिसके दस्तावेज भी उनके पास हैं.
'तब आगरा में हुआ करता था हाई कोर्ट...'
इसको लेकर व्यास पीठ के महंत जितेंद्र नाथ व्यास ने कहा कि यह सारी जमीन व्यास परिवार की ही है. उसी पर मस्जिद बनी है. दशकों से उनका परिवार इसको लेकर मुकदमा लड़ रहा है. उनका कहना यह है कि जह हाई कोर्ट आगरा में हुआ करता था, तबसे यह केस चल रहा है.
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तहखाने के अंदर से नहीं हुई फोटोग्राफी
तहखाने में मूर्तियां होने की बात पर जब यह पूछा गया कि उनके पूर्वजों ने यह चीज देखी होगी. 1991 के समय में वहां पर वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी भी हुई थी. इसपर व्यास ने कहा कि जो भी फोटो खींची गई होंगी, वह बाहर की थीं. तहखाने के अंदर से फोटोग्राफी नहीं हुई थी. बाहर तो सब प्रत्यक्ष है, सबको दिखाई दे रहा है. वह यह दावा कर रहे हैं कि जमीन उनके पूर्वजों की ही है.
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