Dussehra 2021: दशहरा बुराई पर अच्छाई एवं असत्य पर सत्य के विजय का प्रतीक है. हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पावन त्योहार मनाया जाता है. दशहरा के दिन लोग बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकर्ण एवं मेघनाद के पुतलों का दहन करते हैं और साथ ही अपने अंदर बुरी आदतों को दूर करने का प्रण लेते हैं.
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लखनऊ: देशभर में आज यानी 15 अक्टूबर को दशहरा (Dussehra 2021) का त्योहार मनाया जा रहा है. दशहरे को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन को असत्य पर सत्य की जीत, अधर्म पर धर्म की विजय का दिन माना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेताओं ने प्रदेश वासियों को विजयादशमी (Vijaya Dashami) की बधाई दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट में कहा, "विजयादशमी के पावन अवसर पर आप सभी को अनंत शुभकामनाएं."
विजयादशमी के पावन अवसर पर आप सभी को अनंत शुभकामनाएं।
Greetings to everyone on the special occasion of Vijaya Dashami.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 15, 2021
सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा- असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक महापर्व विजयादशमी की सभी प्रदेशवासियों व श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई। आइए, हम सभी अपने अंतस के राम को जागृत करें और समाज में व्याप्त सभी बुराइयों की समाप्ति हेतु संकल्पित हों। जय श्री राम!
असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक महापर्व विजयादशमी की सभी प्रदेशवासियों व श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई।
आइए, हम सभी अपने अंतस के राम को जागृत करें और समाज में व्याप्त सभी बुराइयों की समाप्ति हेतु संकल्पित हों।
जय श्री राम!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 14, 2021
दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा
इस पर्व को असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था. हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरे का पर्व मनाया जाता है. दशहरे के दिन किए गए कार्यों को शुभ माना जाता है. यह साल के सबसे शुभ दिनों में से एक है. आज के दिन नवरात्र व्रत का पारण किया जाता है और साथ ही दुर्गा विसर्जन की भी परंपरा है.
मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और श्री राम ने रावण पर जीत प्राप्त की थी. इस दिन शस्त्र पूजा का भी विशेष महत्व होता है. दशहरे पर शस्त्र पूजन की भी परंपरा है जिसे आयुध पूजन भी कहा जाता है. दशहरे पर शाम के समय रावण दहन होता है. दशहरा के दिन लोग बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकर्ण एवं मेघनाद के पुतलों का दहन करते हैं और साथ ही अपने अंदर बुरी आदतों को दूर करने का प्रण लेते हैं.
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