कुछ विधायक कार्यवाहक सीएम पुष्कर धामी के लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन सबकी निगाहें भाजपा आलाकमान पर जा टिकी हैं कि क्या भाजपा शीर्ष नेतृत्व अब इस मिथक को तोड़ पुष्कर धामी को फिर से उत्तराखंड की कमान सौंपता है या किसी नए चेहरे को प्रदेश की कमान सौंपी जाती है.
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देहरादून: पीएम मोदी और सीएम धामी की अपील को जनता ने हाथों-हाथ लेते हुए उत्तराखंड में बीजेपी को प्रचंड बहुमत दिया है. जिसकी वजह से पुराने मिथक को तोड़ कर बीजेपी ने इतिहास रचा है, लेकिन यहां एक मिथक अभी भी रह गया और वो ये कि सीएम धामी खुद अपनी सीट से हार बैठे. लेकिन अब जैसे जैसे सरकार गठन की कवायद हो रही है तो यह सवाल उठ रहा है कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा.
हालांकि, कुछ विधायक कार्यवाहक सीएम पुष्कर धामी के लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन सबकी निगाहें भाजपा आलाकमान पर जा टिकी हैं कि क्या भाजपा शीर्ष नेतृत्व अब इस मिथक को तोड़ पुष्कर धामी को फिर से उत्तराखंड की कमान सौंपता है.
दरअसल पुष्कर सिंह धामी को महज 6 महीने का ही वक्त काम के लिए मिला. इस दौरान धामी ने जहां एक तरफ एन्टी इनकंबेंसी को दूर करने का काम किया तो वहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी जोड़ने की पूरी कोशिश की. युवा चेहरे के दम पर भाजपा ने युवा जोश को जोड़े रखने की पूरी कोशिश की. बीजेपी को उत्तराखंड में युवा चेहरे का फायदा भी पहुंचा, लेकिन देवभूमि के इस रण में धाकड़ धामी ने 20-20 की बल्लेबाजी में अपनी टीम को तो जीता दिया लेकिन अपना विकेट नहीं बचा सके.
इन नामों को लेकर भी हो रही चर्चा
सीएम को लेकर सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सांसद अजय भट्ट, बिशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत का नाम भी सियासी गलियारों में चर्चा में है.
हालांकि, सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कब बीजेपी शीर्ष नेतृत्व उत्तराखंड में पर्यवेक्षक भेजता है और कब बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई जाती है. बीजेपी के ज्यादातर विधायक फिलहाल देहरादून पहुंच चुके हैं. जिनका कहना है कि विधायक दल की बैठक में यह निर्णय होगा और पार्टी शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय करेगा वो सबको मंजूर होगा. इसके साथ ही अब कैबिनेट को लेकर भी चर्चा तेज हो गयी है. कैबिनेट में सीएम समेत 12 लोग रहेंगे. अब 11 मंत्री कौन होंगे इसको लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं.
चर्चा तेज है कि कुछ पुराने चेहरे कैबिनेट में रहेंगे तो कुछ नए चेहरे भी कैबिनेट में जगह पाएंगे. यानी कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी के साथ ही कुछ नए चेहरों की एंट्री की प्रबल संभावनाएं हैं. इसमें पार्टी को गढ़वाल कुमाऊं के साथ ही मैदान का भी संतुलन साधना होगा. सुबोध उनियाल, बिशन सिंह चुफाल, ऋतु खंडूड़ी , खजानदास, धन सिंह रावत, अरविंद पाण्डेय, मुन्ना चौहान, मदन कौशिक, दिलीप रावत कुछ ऐसे नाम हैं जो दौड़ में शामिल हैं.
फिलहाल उत्तराखंड कौन नया सीएम होगा और मंत्रिमंडल में किस किस को जगह मिलेगी, इस सवाल का जवाब सिर्फ और सिर्फ भाजपा आलाकमान के पास है और उनके सिवा और कोई नहीं जानता. देखना होगा कि इस बार बीजेपी नेतृत्व उत्तराखंड को क्या सरप्राइज देता है. इस बार किसकी फाग के रंग खिलते हैं.