लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सभी प्रमुख नदियों को योगी सरकार प्रदूषण मुक्त बनाने का कार्य तेजी से कर रही है. नमामि गंगे परियोजना के तहत शहरों की लाइफ लाइन मानी जाने वाली नदियों को नया जीवन दिया जा रहा है. कान्हा की नगरी मथुरा में यमुना शुद्धीकरण का बड़ा कार्य किया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नमामि गंगे की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार 460.45 करोड़ की लागत से यमुना में गिरने वाले 20 नालों को टैप किया गया है. साथ ही 30 एमएलडी का एक नया एसटीपी तैयार कर लिया गया है. नदियों को जीवंत करने के साथ-साथ इनमें सीवरेज गिरने की समस्या का समाधान अत्याधुनिक तरीके से किया जा रहा है. यूपी सरकार इसके लिए हर संभव प्रयास करने में जुटी है.


UP Chunav 2022:मायावती को बड़ा झटका, पश्चिमी यूपी के सौ से ज्यादा नेता RLD में शामिल


वहीं नमामि गंगे परियोजना के तहत मुरादाबाद में रामगंगा सीवरेज योजना बड़ा परिवर्तन लेकर आई है. यहां 330.05 करोड़ की लागत से 13 नालों को नदी में गिरने से रोका गया है, साथ में 58 एमएलडी का अत्याधुनिक एसटीपी बनकर तैयार है. मिर्जापुर के चुनार नगर में 2.70 करोड़ की लागत से 10 केएलडी का एफएसटीपी बनाया गया है.


अखिलेश का BJP पर वार, बोले- चाचा को साथ लिया मो जाचें होने लगीं, समाजवादी डरते नहीं


फिरोजाबाद में 51.06 करोड़ की लगात से 02 बड़े नालों को I&D विधि से टैप किया गया है. कासगंज में 76.73 करोड़ से 02 नालों को टैप करने के साथ 58 एमएलडी एसटीपी का निर्माण पूरा करा लिया गया है. सरकार की ओर से तेजी से नदियों की सफाई के लिए किये गये कार्यों से बड़ा बदलाव आया है.


UP Chunav: CM योगी के साथ आ सकते हैं राजा भैया, BJP-जनसत्ता दल के गठबंधन की चर्चाएं


नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को अत्याधुनिक विधि से निर्मित किया जा रहा है. बिजली की कम से कम खपत के साथ-साथ इनमें बायोगैस प्लांट का प्रयोग किया जा रहा है. सीवर ट्रीटमेंट की नई विधियों का प्रयोग कारगर साबित हुआ है. इन ट्रीटमेंट प्लांटों से नालों का गंदा पानी शुद्ध होने के बाद नदियों में छोड़ा जाता है. इस कारण नदियों में प्रदूषण की मात्रा कम हुई है। नदियों में मशीनों और नांवों से गाद की सफाई का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है.


WATCH LIVE TV