अभी तक सेवा नियमावली में कुटुंब की परिभाषा में विवाहित पुत्री को भी शामिल करने का प्रस्ताव है. किसी राज्य कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर अभी तक उसकी विवाहित पुत्री को आश्रित नहीं माना जाता है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सर्विस के दौरान मृत कर्मियों के परिवार के सदस्यों को अब दूसरे विभागों में भी नौकरी मिल सकेगी. सर्विस के दौरान कर्मियों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर समूह घ या शैक्षिक अर्हता के आधार पर समूह ग की नौकरी देने का प्रावधान है. कार्मिक विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है.
कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी
दरअसल, वैश्वविक महामारी कोरान के दौरान बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारियों की मौत हो गई थी. आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने में दिक्कत आ रही है, क्योंकि कई विभागों में पद खाली नहीं है और बड़ी संख्या में अधिसंख्य पद भी भर चुके हैं. इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार विचार कर रही है कि यदि मृत राज्य कर्मचारी के मूल विभाग में पद खाली न हों तो उसके आश्रित को किसी अन्य विभाग में नौकरी दे दी जाए. कार्मिक विभाग की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है.
विवाहित बेटियों को भी मिलेगा अधिकार
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कुछ समय पहले ही एक मामले में विवाहित पुत्री को भी कुटुंब की परिभाषा में शामिल करने का आदेश दिया था. मृतक सेवा नियमावली में कुटुंब की परिभाषा में विवाहित पुत्री को भी शामिल करने का प्रस्ताव है. किसी राज्य कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर अभी तक उसकी विवाहित पुत्री को आश्रित नहीं माना जाता है.
केंद्र सरकार ने भी विवाहित पुत्री को कुटुंब की परिभाषा में शामिल किया है. इस दिशा में राज्य सरकार भी कदम बढ़ाने जा रही है. ऐसा होता है तो विवाहित पुत्री को भी सेवाकाल के दौरान पिता की मृत्यू पर अनुकंपा में नौकरी मिल सकता है.
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