प्रशासन में कसावट लाने के लिए योगी सरकार के मंत्री एक्शन में हैं. औचक निरीक्षण कर योगी के मंत्री विभागों की न सिर्फ फाइल खंगाल रहे हैं बल्कि मौके पर ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है.
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लखनऊ: योगी सरकार के मंत्री इन दिनों एक्शन में हैं. कब कौन सा मंत्री किस विभाग में कहां औचक निरीक्षण करने पहुंच जाए, किसी को खबर नहीं होती. गुरुवार को जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह अचानक सिंचाई विभाग के कार्यालय पहुंचे. मंत्री जी ने कार्यालय पहुंचकर सबसे पहले सभी गेटों को बंद कराया. न तो किसी को बाहर जाने की इजाजत और न ही किसी को अंदर आने की अनुमति दी गई. इसके बाद उन्होंने सभी कर्मचारियों की अटेंडेंस रजिस्टर में चेक की. बताया जा रहा है कि 75 प्रतिशत कर्मचारी दफ्तर नहीं पहुंचे थे. यह देख मौके पर ही स्वतंत्र देव सिंह ने कर्मचारियों और अधिकारियों को सख्त हिदायत दी. मंत्री के इस एक्शन को देख कर्मचारियों में अफरातफरी का माहौल बन गया.
डिप्टी सीएम ने भी देखी अटेंडेंस
यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (UP Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) गुरुवार सुबह लखनऊ में सिंचाई विभाग के कार्यालय पहुंच गए.उन्होंने कार्यालय पहुंचकर बाहर के गेट बंद करवा दिए और हाजिरी चेक करना शुरू की. डिप्टी सीएम ने विभागाध्यक्ष के कमरे में जाकर बैठक की और लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए.
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ब्रजेश पाठक ने भी किया औचक निरीक्षण
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का गुरुवार को राजधानी लखनऊ से बाहर दौरे का दूसरा दिन रहा. सुबह वह यूनानी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. इस दौरान मेडिकल कॉलेज में निर्माण में अनियमितता देख भड़क उठे. उन्होंने जिला अधिकारी को निर्माण एजेंसी के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं. यहां 300 बेड का अस्पताल बनाया गया है. उप मुख्यमंत्री ने अस्पताल को तत्काल शुरू करने के सीएमओ को निर्देश दिए हैं. बहरहाल योगी सरकार के मंत्रियों की यह कार्यशैली लोगों को खूब पसंद आ रही है. दरअसल इससे एक ओर जहां प्रशासन की जवाबदेही तय होती है वहीं जनता को अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का मौका भी मिलता है.