उत्तराखंड में पहली बार राज्य लोक सेवा आयोग की भर्ती का पेपर लीक पकड़ गया है. सरकार को भरोसा था कि राज्य लोक सेवा आयोग की भर्ती का कोई पेपर लीक नहीं हुआ है. ऐसे में सरकार ने समूह-ग की 23 भर्तियां आयोग को सौंपी थी. वहीं, पेपर लीक का डर्टी गेम यहां भी हो गया.
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कुलदीप नेगी/देहरादून: उत्तराखंड में पहली बार राज्य लोक सेवा आयोग की भर्ती का पेपर लीक पकड़ गया है. सरकार को भरोसा था कि राज्य लोक सेवा आयोग की भर्ती का कोई पेपर लीक नहीं हुआ है. ऐसे में सरकार ने समूह-ग की 23 भर्तियां आयोग को सौंपी थी. वहीं, पेपर लीक का डर्टी गेम यहां भी हो गया. वहीं, लोक सेवा आयोग भर्ती पेपर लीक मामले में सीएम धामी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे. आइए बताते हैं पूरा मामला.
पेपर लीक मामले में सीएम सख्त
आपको बता दें कि लोक सेवा आयोग पेपर लीक मामले में सख्त रुख आपनाते हुए सीएम धामी ने कहा, "इसमें जो भी सम्मिलित होगा, जिस स्तर पर भी गड़बड़ी हुई होगी, हम उसे किसी कीमत पर बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी गंदगी है उसे साफ किया जाएगा. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग हो या कोई भी संस्था, जहां भी हमारे बेटे बेटियों के भविष्य के साथ इस प्रकार की घटनाएं होती हैं उसपर हम कार्रवाई करेंगे. इस पर आज हम फैसले लेने वाले हैं.''
आपको बता दें कि पिछले साल मई में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक प्रकरण सामने आया था. उस मामले में लगातार एक्शन भी चल रहा है. स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने को लेकर मुकदमा दर्ज होने के बाद पेपर लीक का ये मामला भी सामने आया है.
हाल ही में जारी हुआ था भर्ती का कैलेंडर
जानकारी के मुताबिक पिछले साल सितंबर 2022 में उत्तराखंड सरकार ने समूह-ग की 23 भर्तियां राज्य लोक सेवा आयोग को करने का निर्देश दिया था. इसी महीने आयोग ने इस भर्तियों का कैलेंडर जारी किया. इसमें ये जानकारी दी गई थी कि किस भर्ती का विज्ञापन कब निकलेगा और परीक्षाएं कब होगी. अब राज्य लोक सेवा आयोग की भर्ती में भी पेपर लीक का मामला सामने आया है.
आयोग के अध्यक्ष ने दी जानकारी
इस मामले में आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने जानकारी दी. उन्होंने एक पत्र जारी कर कहा कि परीक्षाओं को उत्कृष्टता, निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कराने के लिए आयोग सजग रहा है. इसके लिए उन्होंने खुद डीजीपी को अगस्त माह में चिट्ठी भेजकर एलआईयू को गोपनीय तौर पर आयोग परिसर में तैनात कराने के साथ ही परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षा बल की भी मांग की थी. खैर अब देखना ये है कि इस मामले में आगे क्या होता है.