बांदा: बालू माफियाओं के खिलाफ जल सत्याग्रह करेंगे किसान
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बांदा: बालू माफियाओं के खिलाफ जल सत्याग्रह करेंगे किसान

 'विद्याधाम समिति' और महिला संगठन 'चिंगारी' के अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने सोमवार को अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को छह सूत्री ज्ञापन दिया था.

फोटो- आईएएनएस

बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के किसानों ने बालू माफियाओं पर अवैध खनन कर केन नदी की जलधारा रोकने और ग्रामीण महिलाओं से छेड़खानी करने का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ एक नवंबर से नदी में 'जल सत्याग्रह' करने की किसानों ने घोषणा की है. सामाजिक संगठन विद्याधाम समिति से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजाभइया सिंह ने मंगलवार को मीडिया से कहा, "अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को इस समस्या के संबंध में सोमवार को छह सूत्री ज्ञापन दिया गया है, जिसमें 31 अक्टूबर तक समस्या का समाधान करने का समय दिया गया है. यदि समाधान न हुआ तो एक नवंबर से सभी किसान पहले केन नदी की ही जलधारा में सत्याग्रह करेंगे, और बाद में पैदल लखनऊ मार्च करेंगे."

राजाभइया सिंह ने कहा कि इस समय कोलावल बालू खदान के खंड-दो में पांच और खंड-चार में चार पोकलैंड मशीनों ने 30 फुट गहराई तक बालू निकाल कर नदी की जलधारा को रोक दिया है, जिससे जानवरों तक को पानी नसीब नहीं हो पा रहा है. कोलावल गांव की ग्राम प्रधान संगीता ने बताया कि रविवार रात विरोध करने पर किसान बाबूलाल, रमेश और संजय के ऊपर गोलीबारी कर दहशत फैलाई गई और सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष व सिपाहियों ने रामनरेश और तीन अन्य किसानों की पिटाई की थी.

अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संतोष बहादुर सिंह ने मंगलवार को कहा कि किसानों का ज्ञापन मिला है, जिसमें खेतों से जबरन बालू भरे वाहन निकालने, महिलाओं के साथ छेड़खानी करने और फायरिंग करने के अलावा पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने के कथित आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञापन में उल्लिखित बिंदुओं की जांच कराई जा रही है, और जांच रिपोर्ट मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

इस बीच, गिरवां पुलिस थाने के प्रभारी, दुर्गविजय सिंह ने कहा कि किसानों और बालू खदानकर्मियों के बीच वाहन निकालने को लेकर हुए विवाद की सूचना पर रविवार रात कोलावल बालू खदान गए थे. किसानों को समझा-बुझा कर लौट आए हैं, मारपीट के आरोप झूठे हैं.

उल्लेखनीय है कि 'विद्याधाम समिति' और महिला संगठन 'चिंगारी' के अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने सोमवार को अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को छह सूत्री ज्ञापन दिया था, और उसमें आरोप लगाया है कि बालू खदान के पट्टाधारक उनकी खड़ी फसल को रौंद कर दिन-रात बालू भरे वाहन निकाल रहे हैं. विरोध करने पर वे गाली-गलौज करते हैं, और उनके हथियारबंद गुर्गे गोलीबारी भी कर देते हैं.

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