योगी राज में गैंगस्टर अबू सलेम का भी नंबर आएगा, 'भाई' के भाई पर शिकंजा कसना शुरू
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योगी राज में गैंगस्टर अबू सलेम का भी नंबर आएगा, 'भाई' के भाई पर शिकंजा कसना शुरू

मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ कार्रवाई के दौरान ही कुछ लोगों ने पुलिस कमिश्नर से अबू सलेम के एक भाई की कई सम्पत्तियों का ब्योरा बताते हुए शिकायतें की थीं. इसके बाद ही पुलिस को इनकी संपत्ति का ब्योरा जुटाने को कहा गया था.

अबू सलेम (फाइल फोटो)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गुजरे वक्त में अपराध का खौफ कायम करने वाले माफिया गैंग और उनके सरगनाओं पर अब योगी सरकार की सख्ती का खौफ सिर चढ़ कर बोल रहा है. अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी के बाद आतंकी दाऊद का साथी रहा अबू सलेम भी योगी सरकार के निशाने पर आ चुका है जो फिलहाल जेल में बंद है. सूत्रों के मुताबिक अबू सलेम की आर्थिक ताकत पर चोट पहुंचाने के लिए उसके भाई और करीबियों की संपत्ति का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया गया है.        

इसी कड़ी में अब लखनऊ विकास प्राधिकरण और पुलिस ने डॉन अबू सलेम के करीबियों की सपंत्तियों के दस्तावेज, उनकी कानूनी वैद्यता आदि की जांच शुरू कर दी है . सूत्रों के मुताबिक राजधानी लखनऊ के हुसैनगंज और लालबाग में दो जमीनों के दस्तावेज निकलवाए गए हैं. यह जमीनें अबू सलेम के भाई और करीबियों के नाम पर रजिस्टर्ड बताई जा रही हैं. अब इनका भी ब्योरा जुटा कर एक्शन लिया जाएगा. बता दें, सलेम का फर्जी पासपोर्ट बनवाने में उसके भाई ने मदद की थी. पुलिस अफसरों का कहना है कि संपत्ति की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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अबू के भाई की सपंत्तियों के निकाले गए दस्तावेज
मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ कार्रवाई के दौरान ही कुछ लोगों ने पुलिस कमिश्नर से अबू सलेम के एक भाई की कई सम्पत्तियों का ब्योरा बताते हुए शिकायतें की थीं. इसके बाद ही पुलिस को इनकी संपत्ति का ब्योरा जुटाने को कहा गया था.

पुलिस का जानकारी जुटाने का दावा
मामले को लेकर अधिकारी अभी ज्यादा कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन यह दावा जरूर कर रहे हैं कि अबू सलेम के करीबियों के बारे में कई काफी जानकारी जुटा ली गई है. जांच में गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कैसे बना अबू सलेम मोटर मैकेनिक से कुख्यात डॉन

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मा अबू सलेम बेहद कम समय में अमीर बनने की चाहत रखता था. उसकी इसी चाहत ने उसे एक मोटर मैकेनिक से अंडरवर्ल्ड डॉन बना दिया. मुंबई में टैक्सी ड्राइवर से लेकर अंडरवर्ल्ड डॉन बनने तक का सफर उसने कुछ ही सालों में पुरा कर लिया.
1988 के दौरान अबू सलेम पर अपने ही साथी से जबरदस्ती पैसे वसूल करने का आरोप लगा. यहीं से अबू सलेम ने क्राइम की दुनिया में प्रवेश किया. जबरन वसूली के इस मामले में अबू पर पहला केस दर्ज हुआ.

इसके बाद साल 1989 में सलेम की मुलाकात दाउद से हुई और उसने दाउद के कुछ जमीन से जुड़े काम देखना शुरू कर दिया. यहीं से सलेम दाउद इब्राहिम के छोटे भाई अनीस के कॉन्टैक्ट में आ गया. सलेम हथियारों की डिलीवरी का काम करता था. 1990 में दाउद इब्राहिम ने अबू सलेम को डी-कंपनी की देख-रेख का काम सौंप दिया. दाउद के इशारों पर अबू सलेम फिल्मी सितारों और बड़े कारोबारियों से जबरन वसूली करने लगा. हालांकि 1998 में अबू सलेम ने दाउद का साथ छोड़कर अपना रास्ता अलग बना लिया. उसने दुबई में एक बिजनस शुरू किया, जिसे किंग्स ऑफ कार ट्रेडिंग का नाम दिया. इस दौरान उसने कई सारे स्टेज शो ऑर्गेनाइज किए जिसमें वो फिल्मी सितारों को बुलाता था. यहीं पर एक शो के दौरान अबू सलेम की मुलाकात मोनिका बेदी से भी हुई.

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अबू सलेम के मेजर क्राइम:

1. 1992 में सलेम ने बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को भी हथियार सप्लाई किए थे. संजय दत्त को अबू सलेम से ये रिश्ते काफी भारी पड़े.
2. 1993 के बम धमाकों में सलेम का बड़ा हाथ था. इस धमाके में लगभग 250 लोग मारे गए थे और 700 से भी अधिक लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे. 
3. इसी दौरान अबू सलेम ने एक बिल्डर ओमप्रकाश कुकरेजा की भी हत्या की थी. जब पुलिस ने बम धमाकों के संदिग्ध लोगों की खोज शुरू की तो अबु सलेम देश छोड़ कर फरार हो गया था.
4. 1997 में अबू सलेम पर फेमस संगीतकार गुलशन कुमार को भी मारने का आरोप लगा.
5. 1997 में गुलशन कुमार की हत्या और बॉलीवुड फिल्म निर्देशक राजीव राय और राकेश रोशन के मारने के प्रयास के जुर्म में उसकी भारत सरकार ने तलाश शुरू की.
6. अबू सलेम पर फिल्म एक्ट्रेस मनीषा कोईराला के सेक्रेटरी की हत्या का भी आरोप है. 1998 में मनीषा कोईराला को फोन पर धमकी मिली थी. 
7. 2001 के अक्टूबर में अबु सलेम के चार गुर्गों को बांद्रा में मार गिराया गया. इन लोगों की आमिर खान, आशुतोष गोवारिकर और झामु सुगंध को मारने की प्लानिंग थी.
8. जुलाई 2002 में अबू सलेम की गैंग को दो लोगों ने एक फिल्म डायरेक्टर लॉरेंस डिसूजा पर भी गोलियां दागीं लेकिन वो बच गए.

अबू सलेम को 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पण करवा कर भारत लाया गया. 

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