Coronavirus airborn: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर को पहले से ज्यादा शक्तिशाली माना जा रहा है. इस बीच हवा में तैर रहे कोरोना की खबरों ने डर को बढ़ा दिया है. ऐसे में एक अमेरिकी डॉक्टर की मुहिम से लोग जागरूक हो रहे हैं.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी पूरी दुनिया में कहर ढा रही है. अभी तक इसके खात्मे या रोकथाम को लेकर हुई कोशिशें नाकाफी दिख रही हैं. इस बीच कोरोना फैलने से जुड़ी जो हालिया वजह सामने आई है वो बेहद डरावनी वाली है. दरअसल, लैंसेट की हालिया स्टडी रिपोर्ट (Lancet Journal Report) के मुताबिक कोरोना वायरस हवा से फैल रहा है. इसके आगे बाकी की वजहें छोटी पड़ती दिख रही हैं, खासकर ड्रॉपलेट वाली थ्योरी.
भारत में कोरोना की दूसरी लहर को पहले की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली माना जा रहा है. इस बीच हवा में तैर रहे कोरोना की खबरों ने लोगों के मन में फैल रहे डर को और बढ़ा दिया है. एक कहावत है जहां समस्या है तो वहीं उसका समाधान भी है. ऐसे में अमेरिका के एक डॉक्टर की मुहिम से जहां लोगों के मन में बैठा डर निकल रहा है वहीं लोग जागरूक भी हो रहे हैं. दरअसल मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. फहीम यूनुस का कहना है कि लांसेट की रिपोर्ट में चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा,'साल भर में अधिकतर लोग जान चुके हैं कि कोविड बूंदों यानी ड्रॉपलेट्स से लेकर हवा तक से फैल सकता है.'
LANCET STUDY: No worries. We know COVID spreads (droplet to airborne) in a spectrum
Solution: Buy two N95 or KN95 masks. Use one today; leave the other in a PAPER bag for tomorrow. Keep alternating every 24 hours. Reuse for weeks if they aren’t damaged
Ditch cloth masks
— Faheem Younus, MD (@FaheemYounus) April 17, 2021
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डॉ. फहीम का कहना है कि कपड़े से बने मास्क पहनना बंद कर दीजिए. एक्सपर्ट एडवाइस के मुताबिक, 'सभी को शुरुआत में दो N95 या KN95 मास्क लेने चाहिए. एक मास्क एक दिन इस्तेमाल कीजिए उसे यूज करने के बाद एक सेफ पेपर बैग में अलग रख दें ताकि कोई और उसे न छू सके. इसके बाद अगले दिन दूसरा मास्क इस्तेमाल करें. हर 24 घंटे पर ऐसे ही मास्क अदल-बदल कर पहनना चाहिए. वहीं अगर इन्हें कोई नुकसान न पहुंचा हो या आप किसी बहुत भीड़भाड़ वाली जगहों में न गए हों तो आप इसी तरह बदल बदल कर कई हफ्तों तक इनका इस्तेमाल कर सकते हैं.'
डॉक्टर ने ये भी कहा कि, 'हवा से वायरस फैलने का मतलब यह नहीं है कि पूरी हवा ही संक्रमित है. दरअसल इसका मतलब ये है कि वायरस हवा में बना रह सकता है, जिससे आपके ऑफिस, अपार्टमेंट यानी कही भी खतरा हो सकता है.
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डॉक्टर फहीम सोशल मीडिया पर लोकप्रिय हैं. वो कोरोना की शुरुआत से ही ट्विटर पर लोगों की परेशानियां दूर करने जैसा नेक काम कर रहे हैं. डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है. ऐसे में अपने फॉलोवर्स से बिना कोई फीस लिए डॉक्टर फहीम की नेकी सरहद की बंदिशों से परे लोगों के काम आ रही है. उनका कहना है कि अगर लोग कुछ बातों का सही से पालन करें तो वो घर पर ही कोरोना संक्रमण को हरा कर ठीक हो सकते हैं. उन्होंने दावा किया है कि घर पर ही सही तरीके से रहने से 80-90% लोग ठीक हो सकते हैं.
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डॉक्टर फहीम का कहना है कि संभव हो तो संदिग्ध मरीज को रोजाना अपने शरीर के तापमान पर नजर रखनी चाहिए. इसी के साथ सांस की रफ्तार, शरीर का ऑक्सीजन लेवल, पल्स और बीपी नापते रहें. उन्होंने कहा कि आजकल तो ज्यादातर स्मार्टफोन्स में पल्स ऑग्जिमेंट्री ऐप होता है. ऐसे में अगर ऑक्सीजन लेवल 90 के नीचे हो या बीपी 90 सिस्टोलिक के नीचे जाए, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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