'घबराओ नहीं..जल्द मिलेंगे' सुरंग में फंसे मजदूरों ने जब अपने परिवार से कही ये बात...आंखें भर आईं!
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'घबराओ नहीं..जल्द मिलेंगे' सुरंग में फंसे मजदूरों ने जब अपने परिवार से कही ये बात...आंखें भर आईं!

Rescue Operation: सिलक्यारा सुरंग में पिछले 11 दिनों से 41 मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब सुरंग में ड्रिल करके एक बड़ा पाइप अंदर डाला जा रहा है. इस पाइप के जरिए बुधवार देर रात तक मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है.

'घबराओ नहीं..जल्द मिलेंगे' सुरंग में फंसे मजदूरों ने जब अपने परिवार से कही ये बात...आंखें भर आईं!

Uttarkashi Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिल्क्यारा सुरंग के भीतर पिछले 10 दिनों से फंसे 41 में से दो मजदूरों से बात करने वाले इंद्रजीत कुमार ने कहा कि उन्होंने (मजदूरों) मुझसे कहा कि घबराओ नहीं हम जल्द ही बाहर मिलेंगे. असल में इंद्रजीत के परिवार के दो सदस्य सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं, जिनसे बात करने के बाद उन्हें उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दी है. इंद्रजीत के छोटे भाई विश्वजीत और संबंधी सुबोध कुमार सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं. झारखंड के गिरिडीह के रहने वाले इंद्रजीत ने बुधवार को कहा कि विश्वजीत के तीनों बच्चे उनके लौटने का इंतजार और उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं. मैंने दिवाली पर उन्हें फोन किया था लेकिन बात नहीं हो सकी थी. जब मैंने उनके एक साथी से संपर्क किया तो उन्होंने मुझे बताया कि विश्वजीत सुरंग के भीतर फंसा हुआ है.

..अब कुछ ही घंटों की बात है..
उन्होंने कहा कि मंगलवार को बचावकर्मियों द्वारा जारी मजदूरों के वीडियो में विश्वजीत और सुबोध को देखा. उन्होंने कहा कि दोनों ही ठीक दिखाई दे रहे थे. बुधवार को उनकी आवाज सुनी. उन्होंने मुझे बताया कि अब कुछ ही घंटों की बात है. लगभग हर मजदूर का अपने परिवार के सदस्यों के प्रति यही संदेश था, जो कई दिनों से सुरंग के समीप डेरा डाले हुए हैं. सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों में देवाशीष का साला सोनू शाह भी मौजूद है. देवाशीष ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मजदूर जल्द ही बाहर आएंगे.

परिवार के सदस्यों से बात की
देवाशीष ने कहा कि बुधवार को हमें सुरंग के अंदर ले जाया गया और हमने अपने परिवार के सदस्यों से बात की. सोनू ने मुझसे बार-बार कहा कि अब चिंता मत करों और हम जल्द ही मिलेंगे.  देवाशीष ने कहा कि अखबार में सोनू का नाम देखने के बाद उनके परिवार को पता चला कि वह सुरंग के अंदर फंस गया है. उन्होंने कहा कि हमने दिवाली पर उसे फोन किया था लेकिन संपर्क नहीं हो सका. उसके साथियों ने हमें बताया कि सोनू का मोबाइल फोन खराब हो गया था. बाद में हमने अखबार में उसका नाम देखा और पता चला कि वह सुरंग के अंदर फंसा हुआ है. 

12 मीटर की खुदाई और होनी
सोनू तीन साल से सुरंग में काम कर रहा था. उसकी पत्नी और एक साल की बेटी बिहार के छपरा में रहती हैं. बचाव दल के अधिकारियों के अनुसार, बचावकर्मियों ने मलबे में करीब 45 मीटर तक चौड़े पाइप डाले हैं और फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए लगभग 12 मीटर की खुदाई और होनी बाकी है. अधिकारियों ने पाइप के रास्ते मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाले जाने के बाद उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए व्यापक व्यवस्था की है.

युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही
बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में पिछले 11 दिनों से 41 मजदूर फंसे हुए हैं. उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं. सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब सुरंग में ड्रिल करके एक बड़ा पाइप अंदर डाला जा रहा है. इस पाइप के जरिए बुधवार देर रात तक मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है. जैसे ही वे 41 मजदूर निकाले जाएंगे, उन्हें तत्काल चिन्यलिसौर के एक अस्पताल में भर्ती किया जाएगा. इसके लिए पहले से ही 41 बेड तैयार किए जा चुके हैं.

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