बेतिया से खबर है जहां शिक्षा विभाग की पोल खोलती तस्वीर सामने आई है. बिहार का एक ऐसा विद्यालय है जंहा एक ही क्लासरूम में तीन क्लास की पढ़ाई होती है एक ही ब्लैक बोर्ड कों तीन भागो में बाट दिया गया है. कक्षा तीन चार पांच कि पढ़ाई एक ही ब्लैक बोर्ड पर होती है एक ही क्लासरूम में तीनो क्लास के छात्र बैठ पढ़ाई करते है छात्र फर्श पर बैठ पढ़ाई करते है. वही कक्षा एक और दो का हाल भी यंही है इतना ही नहीं इस विद्यालय में मात्र एक शिक्षक है उनके नहीं आने पर टोला सेवक शिक्षिका बच्चों कों पढ़ाने आती है. स्कूल में कक्षा एक से कक्षा पांच तक 70 छात्रों कि संख्या है, स्कूल में मात्र दो क्लास है शिक्षक मात्र एक है यह अजीबो गरीब स्कूल का नाम राजकीय प्राथमिक विद्यालय उर्दू है जो चनपटिया के वार्ड नंबर 7 में है. बिहार में शिक्षा विभाग अपने फरमानों कि वजह से देश भर में चर्चा में है अपर सचिव केके पाठक बहुत काम कर रहें है. पूरे बिहार में चर्चा है शिक्षा मंत्री भी काफी चर्चित है लेकिन बिहार में धरातल पर विद्यालयों में बुनियादी सुविधा भी नहीं है. ऐसे में सुर्खियों में रहने वाले मंत्री और सचिव कों यह खबर देखनी चाहिए और इस स्कूल में बुनियादी सुविधा बहाल करनी चाहिए. स्कूल में आई टोला शिक्षिका सिमरन प्रवीन ने सरकार और विभाग से बुनियादी सुविधा की मांग की है.