इस्तीफा देने के बाद उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि वो शिवसेना भवन में बैठेंगे और शिवसेना को फिर से मजबूत बनाएंगे. लेकिन एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवसेना को फिर से खड़ा करना उद्धव के लिए आसान नहीं रहने वाला. बड़ा सवाल ये है कि इन हालातों में बाला साहेब होते तो वो क्या करते?