रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में दुनिया दो खेमों में बटी हुई दिखाई दी थी. कुछ वैसा ही रिएक्शन ताइवान पर भी है. कई देशों ने चीन का समर्थन किया है और कई ने नैंसी पेलोसी के दौरे को बिल्कुल ठीक बताया है. चीन का समर्थन करने वाले देशों में पाकिस्तान का नाम भी शामिल है. अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को चीन का समर्थन करना भारी पड़ेगा?