राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी और विपक्ष दोनों को अपना-अपना उम्मीदवार चुनना था. इस दौरान बीजेपी ने एक ऐसी नेता को अपना प्रत्याशी बनाया जो न सिर्फ आदिवासी हैं बल्कि जमीन से जुड़ी हुई अनुभवी नेता भी हैं. जबकि विपक्ष ने जिन यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार के तौर पर चुना वो सिर्फ मोदी विरोध की बात करते हैं.