1990 के दशक में हजारों लाखों कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ना पड़ा था. इस दौर में बड़ी संख्या में प्राचीन मंदिरों को भी नष्ट किया गया. साल 2019 में केन्द्र सरकार ने एक कमेटी बनाकर एक बड़ी पहल की. इस कमेटी का काम था कि ये नष्ट हुए मंदिरों की गिनती करे. इस बीच ज्यादातर मंदिरों को आतंकियों के डर की वजह से बंद कर दिया गया था लेकिन अब इन बंद पड़े मंदिरों को फिर से शुरु किया जाएगा.