गुजरात दंगों के जिस मामले में इतने वर्षों तक नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने की साजिश हुई वो मामला 28 फरवरी 2002 का है जब अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसा भड़क गई थी. गोधरा कांड के 24 घंटों के भीतर भड़की इस हिंसा में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत कुल 69 लोगों की हत्या कर दी गई थी.