Trending Photos
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) से पहले 'जय श्री राम' जैसे नारों का इस्तेमाल करने से रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आठ चरणों में विधान सभा चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने सुनवाई के बाद याचिका खारिज की. याचिका में पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान कराए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी. याचिका में कोर्ट से चुनाव आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह राज्य में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव नहीं कराए, क्योंकि इससे संविधान के अनुच्छेद 14 (समता के अधिकार)और अनुच्छेद 21(जीने के अधिकार) का उल्लंघन होता है. इसके अलावा यह भी अनुरोध किया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके नेताओं को राज्य में चुनाव प्रचार मुहिम के दौरान 'जय श्री राम' जैसे नारों का इस्तेमाल करने से रोका जाए.
पीठ ने शुरुआत में याचिकाकर्ता और वकील एमएल शर्मा से कहा कि वह कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के पास जाएं. इस पर एमएल शर्मा ने पीठ से कहा, 'मैंने एक फैसले को आधार बनाया है. यह चुनाव संबंधी याचिका नहीं है. एक दल धार्मिक नारों का इस्तेमाल कर रहा है. मुझे उच्च न्यायालय क्यों जाना चाहिए?' जब याचिकाकर्ता ने मामले की सुनवाई बुधवार को करने का अनुरोध किया तो पीठ ने कहा, 'ठीक है, हम आपसे सहमत नहीं हैं. याचिका खारिज की जाती है.'
बता दें कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) की 294 विधान सभा सीटों के लिए 8 चरणों में वोटिंग होगी. राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान होंगे, जबकि चुनाव परिणाम 2 मई को आएंगे. पहले और दूसरे चरण में 30-30 सीटों, तीसरे चरण में 31 सीटों, चौथे चरण में 44 सीटों, पांचवें चरण में 45 सीटों, छठे चरण में 43 सीटों, सातवें चरण में 36 सीटों और आठवें चरण में 35 सीटों पर मतदान करवाया जाएगा.