टायर आखिर काले रंग का ही और इतना मजबूत कैसे होता है? जानिए इसके पीछे की साइंस
Why Tyre Colour Is Black: टायर अगर काले रंग का नहीं हो तो इससे क्या फर्क पड़ेगा? क्या आप इस बात को जानते हैं?
नई दिल्ली: हमारी दुनिया काफी रंग-बिरंगी है. हम अपने आस-पास लाल, पीले, हरे, नीले और अन्य बहुत से रंगों को देखते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि गाड़ी और बाइक का टायर हमेशा काला ही होता है (Why Is The Tyre Black). टायर का रंग कोई और क्यों नहीं होता है? दरअसल टायर के काले रंग के पीछे की वजह साइंस (Science) है. आइए जानते हैं टायर काला ही क्यों होता है?
टायर काला क्यों होता है?
बता दें कि शुरुआती दिनों में जब रबर (Rubber) से टायर बनाए जाते थे तब टायर बहुत जल्दी घिस जाते थे. इसके बाद जब वैज्ञानिकों ने रिसर्च की तो पाया कि अगर रबर में कार्बन और सल्फर मिला दिया जाए तो वो मजबूत हो जाएगी. आपको मालूम होगा कि कार्बन का रंग काला होता है. इसीलिए जब रबर में कार्बन मिलाया जाता है तो रबर भी काली हो जाती है.
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जल्दी क्यों नहीं घिसती टायर की रबर?
जान लें कि कच्ची रबर का रंग हल्का पीला होता है. टायर बनाने के लिए रबर में कार्बन मिलाया जाता है और इसी वजह से टायर जल्दी नहीं घिसता है.
रिपोर्ट के अनुसार, सादा रबर का टायर केवल 8 हजार किलोमीटर चल सकता है वहीं कार्बनयुक्त रबर से बना टायर करीब 1 लाख किलोमीटर तक चलने में सक्षम होता है. गौरतलब है कि रबर में मिलाए जाने वाले कार्बन की भी कई श्रेणियां होती हैं. कार्बन की श्रेणी पर ही निर्भर करता है कि रबर कितनी मजबूत होगी.
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टायर रंगीन हो तो क्या होगा?
आपने देखा होगा कि बच्चों की साइकिल के टायर रंगीन होते हैं. वो काले नहीं होते. दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चों को रंग-बिरंगी चीजें पसंद होती हैं. उन्हें लुभाने के लिए ऐसा किया जाता है. बच्चों की साइकिल के टायर की रबर में कार्बन नहीं मिला होता है. बच्चों की साइकिल कम दूरी तक चलती है इसीलिए उसके टायरों के घिसने का खतरा कम होता है.