Jagdeep Dhankhar: `मैं दुखी मन से...`, ये कहकर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ कुर्सी छोड़कर चले गए
Jagdeep Dhankhar news: राज्यसभा में विपक्ष के कुछ सदस्यों के आचरण से दुखी होकर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह कुछ समय के लिए आसन पर बैठने में खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं. ‘मैं दुखी मन से....’ यह कहते हुए सभापति धनखड़ आसन से उठ कर चले गए और फिर उपसभापति हरिवंश से सदन की कार्यवाही का संचालन किया
Rajya Sabha News: नई लोकसभा में सांसदों के शपथग्रहण के दिन से लेकर बजट सत्र और आज के दिन तक विपक्षी दलों के सांसदों के हंगामे और आरचण से नाराज होकर सभापति जगदीप धनखड़ भावुक होकर इतने नाराज हुए कि सदन की कार्रवाई छोड़कर चले गए. आज राज्यसभा में कुछ विपक्षी सांसदों के आचरण से दुखी होकर अपने संबोधन में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वो कुछ समय के लिए आसन पर बैठने में खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं. इसके आगे वो बोले ‘मैं दुखी मन से....’ ये कहते हुए आसन से उठ कर चले गए. इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया.
‘चेयर पर चिल्लाने की आपकी हिम्मत कैसे हुई?’
आपको बताते चलें कि ये कोई पहला मौका नहीं था जब सभापति ने विपक्षी सांसदों के हंगामे पर नाराजगी जताई हो. वो बड़ी सौम्यता से अपनी बात रखते हैं. लेकिन आज कुछ सांसदों की टिप्पणी उन्हें इतना आहत कर गई कि वो खुद को इमोशनल होने से रोक नहीं पाए, उन्होंने कहा कि मैं बेहद दुखी मन से कहना चाहता हूं कि आज तक उन्होंने बहुत कुछ सुना लेकिन कभी-कभी ऐसा आचरण आहत कर देता है. ऐसे में वो इन हरकतों की वजह से सदन की कार्रवाई नहीं चला पा रहे हैं.
यहां मेरा अपमान हो रहा: सभापति
आहत सभापति ने ये भी कहा, 'आज यहा जो हुआ, वह ठीक नहीं है. यहां मुझे नहीं, बल्कि सभापति के पद को चुनौती दी जा रही है. विपक्ष के नेता मेरे खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं. मेरा अपमान कर रहे हैं. इस बीच विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सदन में विनेश फोगाट के मुद्द को उठाना चाह रहे थे. इसकी अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी नेता नारेबाजी करने लगे. इस पर ही सभापति नाराज हो गए.
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विनेश पर क्या बोले मंत्री
सभापति के आहत होने से पहले विनेश फोगाट के विषय पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी सदन में अपनी बात रखी. नड्डा ने कहा, 'पूरा देश इस विनेश के साथ खड़ा है. प्रधानमंत्री ने कल उन्हें 'चैंपियन ऑफ चैंपियंस' कहा और प्रधानमंत्री की आवाज 140 करोड़ लोगों की आवाज है. दुर्भाग्य से हम इसे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बांट रहे हैं. दुर्भाग्य से विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, जिस पर वे चर्चा करना चाहते हों और जिसके लिए सत्ता पक्ष तैयार हो. मैं माननीय सांसदों और सदन सबको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सरकार, खेल मंत्रालय और आईओसी ने सभी मंचों पर समाधान की कोशिश की है.'